Powers and functions of the Rajya Sabha

Powers and functions of the Rajya Sabha राज्यसभा लोकसभा की तुलना में एक शक्तिहीन सदन है। राज्यसभा की रचना लोकसभा के सहयोगी और सहायक सदन के रूप में की गयी है। फिर भी इसका अपना महत्व है। राज्यसभा की शक्तियाँ और कार्य अधोलिखित है। विधायी शक्तियां (Legislative Powers): लोकसभा केRead More →

Lok Sabha work

Powers and Functions of the Lok Sabha लोकसभा संसद का निम्न सदन है। किन्तु वह राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है। यह जनता का वास्तविक प्रतिनिधित्व करने वाला सदन है। इसकी शक्तियों एवं कार्यों  निम्नलिखित रूप में उल्लेखित है- लोकसभा का गठन (Formation of Lok Sabha) लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker ofRead More →

Impeachment of the President

Indian Polity: President Of India राष्ट्रपति के पद की अवधि (Term of Office of The President): अनुच्छेद-56 के अनुसार राष्ट्रपति पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष की अवधि तक अपना पद धारण करता है। किन्तु वह पाँच वर्ष के पूर्व कभी भी उपराष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे सकता है।Read More →

President of India

भारत का राष्ट्रपति भारत में संघीय कार्यपालिका (Union Executive) का प्रधान राष्ट्रपति होता है तथा संघ की सभी कार्यपालिका राष्ट्रपति के निहित है, जिसका प्रयोग वह संविधान के अनुसार स्वयं या, अधीनस्थ पदाधिकारियों के माध्यम से करता है। राष्ट्रपति का निर्वाचन (Election of President): अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति काRead More →

Fundamental duties

अनुच्छेद-51(क): मूल कर्तव्य भारत के संविधान में आरम्भ में नागरिकों के लिए मूल कर्तव्यों का उल्लेख नहीं था। इसे स्वर्ण सिंह समिति (Swaran Singh committee) की संस्तुति के आधार पर 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा जोड़ा गया है। समिति का विचार था कि जहाँ संविधान में नागरिकों के लिए मूलRead More →

Directive Principles

अनुच्छेद 36 से 51-राज्य के नीति  निर्देशक सिद्धांत भारतीय संविधान के भाग-4, अनुच्छेद 36 से 51 तक में राज्य के नीति  निर्देशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy) का वर्णन किया गया है। इसे ‘आयरलैण्ड’ के संविधान से लिया गया है। नीति निदेशक तत्व हमारे संविधान की एक प्रमुख विशेषता हैं।Read More →

Right to Constitutional Remedies

मूल अधिकार: संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32 के तहत् उपबन्धित संवैधानिक उपचारों का अधिकार एक अत्यन्त महत्वपूर्ण मूल अधिकार है। इसकी महत्ता को रेखांकित करते हुए डा. भीम राव अम्बेडकर ने इसे भारतीय संविधान की हृदय और आत्मा (Heart and Soul) कहा है। इस अधिनियम के अन्तर्गत जब किसीRead More →

Right to equality

मौलिक अधिकार: समानता का अधिकार समानता का अधिकार भारतीय संविधान में छह मौलिक अधिकारों में से एक है। इसमें कानून के समक्ष समानता, जाति, धर्म, लिंग और जाति या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध शामिल है। इसमें रोजगार के मामले में अवसर की समानता, अस्पृश्यता और उपाधियोंRead More →

Fundamental Right

Fundamental Right संविधान में मौलिक अधिकारों का उल्लेख अनुच्छेद (12-35) में किया गया है। मौलिक अधिकार वह अधिकार है जिसके लिए राज्य सरकार उन्हें प्राप्त करने के लिए बाध्य है, इसलिए यदि वह व्यक्ति नहीं करता है, तो व्यक्ति सीधे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय में जा सकता है। मूलRead More →

Union and Its Territory

संघ और उसका राज्य क्षेत्र संविधान का भाग-1 अनुच्छेद 1 से 4 संघ और उसके राज्य क्षेत्रों के बारे में है। अनुच्छेद-1:  भारत राज्यों का संघ है। अनुसूची 1 भारत के राज्यों और उसके राज्य क्षेत्रों को विनिर्दिष्ट करती है। भारत के राज्य क्षेत्रों में (i) राज्यों के राज्य क्षेत्र  (ii)Read More →