कुल्लू जिला (KULLU DISTRICT)
गठन – 1 नवंबर 1966
मुख्यालय- कुल्लू
भाषा – कुल्ल्वी, हिंदी,शिराजी (लोकल भाषा)
कुल्लू भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। कुल्लू घाटी को पहले कुलंथपीठ कहा जाता था। कुलंथपीठ का शाब्दिक अर्थ है रहने योग्य दुनिया का अंत। कुल्लू घाटी भारत में देवताओं की घाटी रही है। विज नदी के किनारे बसा यह स्थान अपने यहां मनाए जाने वाले रंगबिरंगे दशहरा के लिए प्रसिद्ध है। सिल्वर वैली के नाम से मशहूर यह जगह केवल सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्पोर्ट के लिए भी प्रसिद्ध है। इसे मानव बस्तियों की अंतिम सीमा मानने के कारण इसे प्राचीन समय में कुलांतपीठ भी कहा जाता था। महाकाव्यों-रामायण, महाभारत और विष्णु पुराण में इसका उल्लेख इसी नाम से हुआ है।
जनसांख्यिकी (Demographics):
जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-
- क्षेत्रफल (Area):547.71 Sq. Km.
- जनसँख्या (Population): 15,10075
- विधानसभा सीट: 4 कुल्लू, बंजार, आनी
- कुल जनसंख्या: 437,903
- पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 225,452
- महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार): 212,451
- लिंग अनुपात (Sex Ratio)(प्रति 1000):942
- साक्षरता (Literacy):79.40% (87.39% male), (70.91% female)
- उप मंडल (Sub division): 4 (कुल्लू, मनाली, बंजार, आनी)
- तहसीलें & उप तहसीलें (Tahsils & Sub-Tehsils):8 (कुल्लू, भुंतर, मनाली, बंजार, आनी, निरमंड, सैंज,नित्थर)
- विकास खण्ड (Development Section): 5 (कुल्लू, नग्गर, बंजार, आनी, निरमंड)
- ग्राम पंचायतें (Village panchayats): कुल्लू (70 ग्राम पंचायत), नग्गर (40 ग्राम पंचायत), बंजार (36 ग्राम पंचायत), आनी (32 ग्राम पंचायत), निरमंड (26 ग्राम पंचायत)
कुल्लू जिले में गर्म पानी के चश्मे (Hot water glasses in Kullu District):
- खीर गंगा- मणिकर्ण से 20 km दूर
- वशिष्ट- मनाली से 6 km दूर
- मणिकर्ण- पार्वती नदी के तट पर स्थित
- कसोल
- कैलथ
कुल्लू जिले के वन्य जीव अभ्यारण्य (wildlife Sanctuary in Kullu District):
- कायस वन्य जीव अभ्यारण्य(14 km2)- 26 Feb 1954
- कनावर वन्य जीव अभ्यारण्य(61 km2)- 26 Feb 1954
- मनाली वन्य जीव अभ्यारण्य (32 km2)- 26 Feb 1954
- सेज वन्य जीव अभ्यारण्य (90 km2)- 1994
- तीर्थन वन्य जीव अभ्यारण्य (61 km2)- 1976
कुल्लू जिले की घाटियां एवं पर्वत श्रृंखलाएं (Mountain ranges and Valleys in Kullu District):
- डीब्बीबोकारी (6400 m)- कुल्लू का सबसे पर्वत शिखर
- इंद्रकिला(4940 m)
- पिनपार्वती (4800 m)
- उमाशिला (5294m)
- शीतिधार
- परागला (5579m)
- श्रीखण्ड (5182 m )
- दियो टिब्बा (6001 m)
- सोलंग (5975 m)
कुल्लू जिले के दर्रे(Passage in Kullu District):
- मानतलाई जोत (16000 ft)- स्पीती और मानतलाई को जोड़ता है
- हामटा दर्रा (4336 m)- कुल्लू और स्पीती को जोड़ता है
- मनाली दर्रा(4200 m)
- चंद्रखेरनी दर्रा(3600m)
- भू भू दर्रा (4480 m)
- पार्वती दर्रा
- दुल्ची दर्रा(2788 m)- कुल्लू और कंडी को जोड़ता है
- रोहतांग दर्रा(397m)
- जलोड़ी दर्रा (3135m)
- बैशलेउ दर्रा (3150m)
- फैंगची दर्रा
- एनिमल दर्रा (3880m)
- सारा उमगा दर्रा (5010m)- कुल्लू और स्पीती को जोड़ता है
कुल्लू जिले के ग्लेशियर (Glacier in Kullu District):
- पार्वती ग्लेशियर (15 km)
- दुधोन ग्लेशियर (15 km)
कुल्लू जिले की नदिया (Rivers in Kullu District):
- व्यास नदी- पालमपुर से कांगड़ा जिले में प्रवेश करती है
- सतलुज नदी- सतलुज नदी शिमला जिले के साथ कुल्लू की सीमा बनती है
- पार्वती,तीर्थन,सेज , हरला सरवाल सौरंग मनालसू , सुजोन , फोजल व्यास की सहायक नदियां है
- पार्वती नदी सबसे बड़ी सहायक नदी है
- पार्वती नदी भुंतर के पास व्यास में मिलती है
- हरला नदी भुंतर के पास मिलती है
- सरवारी नदी कुल्लू के पास मिलती है
कुल्लू जिले के झीलें (The Lakes in Kullu District):
- मानतलाई झील
- भृगु झील
- सरीताल
- व्यास कुंड
- दयोरी झील
- हंसा झील
- सरयोलसर झील
- डेहनसर झील
कुल्लू जिले के मंदिर (Temple in Kullu District):
- बिजली महादेव मंदिर-
- हिडिम्बा देवी मंदिर
- बजौरा मंदिर- बजौरा में स्तिथ शिव मंदिर है।
- जामलू मंदिर- जामलू देवता परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि को कहा जाता है।
- मनु मंदिर- मनु मंदिर महर्षि मनु को समर्पित है।
- रघुनाथ मंदिर- राजा जगत सिंह द्वारा बनाया गया।
- कार्तिकेय कनखल
- रामचंद्र मंदिर- राजा जगत सिंह द्वारा बनाया गया।
- कपिल मुनि मंदिर
कुल्लू जिले के मेले व यात्रा (Fair in Kullu District):
- फागली मेला- फागुन में मनाया जाता है
- बिरशु मेला – बेसाख में मनाया जाता है
- काहिका मेला
- शाही जातर- त्रिपुरा मंदिर में मनाया जाता है
- पीपल जातर
- नगर गनेड
- निरमंड की बूढ़ी दिवाली
- भुण्डा का त्यौहार- 10 वर्ष में एक बार मनाया जाता है
- कुल्लू का दशहरा
- सीस गावं का जन्माष्टमी मेला
- सारही यात्रा
कुल्लू जिले का लोक नृत्य एवं लोकगीत (Folk dance and Folk song of Kullu district):
- लोकनृत्य: नाटी, कड़थी
- लोकगीत: —-
कुल्लू जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजना (Major hydroelectric project in Kullu district):
- मलाणा परियोजना(86MW)- व्यास नदी पर
- लारजी परियोजना(126 MW)- व्यास नदी पर
- आलयन दुहांगन परियोजना (192 MW)- व्यास नदी पर
- मलाणा परियोजना (100 MW)- व्यास नदी पर
- पार्वती परियोजना (2051 MW)- हिमाचल की सबसे बड़ी परियोजना
कुल्लू जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Kullu district):
- कुल्लू घाटी को मनोरम घाटी और देव घाटी भी कहा जाता है।
- कुल्लू घाटी को रूपा कहा जाता है क्योंकि यह चांदी की खानों के लिए प्रसिद्ध है।
- नग्गर में रोरिक कला संग्राहलय है।
- मलाणा गावं विश्व का सबसे पुराण लोकतंत्र है, जिस पर शासन जामलू देवता करते थे।
- जामलू देवता परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि को कहा जाता है।
- सबसे ज्यादा खरगोश कुल्लू में पाए जाते है।
- कटराइ (कुल्लू ) में ट्राउंट मछली प्रजनन केंद्र है।
- भुंतर में हवाई अड्डा है।
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