हमीरपुर जिला (HAMIRPUR DISTRICT)
गठन – 1 सितंबर 1972
मुख्यालय- हमीरपुर
भाषा – कांगड़ी, हिंदी, पश्चिमी पहाड़ी बोली
हमीरपुर जिला योगी प्रधान “श्री बाबा बालक नाथ द्योत सिद्ध” के लिए प्रसिद्ध है, जो हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के केंद्र में स्थित है। जिला हमीरपुर का इतिहास कटोच राजवंश से जुड़ा हुआ है, जो कि रावी नदी और सतलुज के बीच के क्षेत्र “त्रिगर्त” के नाम से जाना जाता था। हमीरपुर का नाम राजा हमीर चंद के नाम पर पड़ा जिन्होंने 1700 ईस्वी से 1740 ईस्वी तक इस क्षेत्र पर शासन किया था।
हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश राज्य का सबसे साक्षर जिला है। जिला की भौगोलिक सीमाएं बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और ऊना जिलों के साथ लगती है। अधिकांश लोग रक्षा सेवाओं में कार्यरत हैं, जिस कारण हमीरपुर को “वीर भूमि” भी कहा जाता है। इस जिले की लगभग 92% जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में रहती है जिनका मुख्य पेशा कृषि है ।
जनसांख्यिकी (Demographics):
जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-
- क्षेत्रफल (Area): 1,118 Sq. Km.
- जनसँख्या (Population): 4,54,768
- पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 2,17,070
- महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार):2,37,698
- ग्रामीण जनसंख्या (Rural population): 4,23,338
- शहरी जनसंख्या (Urban population): 31,430
- लिंग अनुपात (Sex Ratio)(प्रति 1000): 1,095
- साक्षरता (Literacy): 88.15% (95.28% male), (83.44% female)
- उप मंडल (Sub division):5 (हमीरपुर, बड़सर, नादौन, भोरंज, सुजानपुर टिहरा)
- तहसीलें (Tahsils): 8 (हमीरपुर, बड़सर, नादौन, भोरंज, सुजानपुर टिहरा, बमसन (स्थित टॉणी देवी), ढटवाल (स्थित बिझड़ी), गलोड़)
- उप तहसीलें (Sub-Tehsils): 2 (काँगू, भोटा)
- विकास खण्ड (Development Section):6 (हमीरपुर, नादौन, भोरंज, सुजानपुर, बमसन, बिझड़ी)
- ग्राम पंचायतें (Village panchayats): 229
- लोक सभा क्षेत्र: 1 (हमीरपुर लोक सभा क्षेत्र)
- विधान सभा क्षेत्र: 5 (भोरंज, सुजानपुर, हमीरपुर, बड़सर, नादौन)
हमीरपुर जिले की की प्रमुख जल धार (Water body in Hamirpur District):
- जख धार- जग धार जिला हमीरपुर में नादौन के पास मिलती है।
- सोलहसिंगी धार- हमीरपुर जिले की सबसे लंबी धार है जो अन्य कई नामों से जानी जाती है। ऊना में इस धार को चिंतपूर्णी धार के नाम से जाना जाता है।
हमीरपुर जिले की प्रमुख नदिया (Rivers in Hamirpur District):
- व्यास नदी- व्यास नदी उत्तर में हमीरपुर की कांगड़ा से सीमा बनाती है।
- सतलुज नदी- सतलुज नदी शिमला जिले के साथ कुल्लू की सीमा बनती है।
- बकर खड्ड, कुणाह खड्ड और मान खड्ड व्यास नदी की सहायक मिलती हैं।
हमीरपुर जिले के मंदिर (Temple in Hamirpur District):
- गौरी शंकर मंदिर- यह मंदिर सुजानपुर तेहरा में स्थित है, इस मंदिर का निर्माण 1793 में संसार चंद ने करवाया था।
- मुरली मनोहर मंदिर- यह मंदिर सुजानपुर टीहरा में स्थित है इस मंदिर का निर्माण 1790 में संसारचंद ने करवाया था।
- गसोता मंदिर- यह मंदिर हमीरपुर में स्थित है।
- नर्वदेश्वर मंदिर- यह मंदिर सुजानपुर में स्थित है इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने करवाया था यह मदिर शिव जी को समर्पित है।
- बाबा बालक नाथ मंदिर- यह मंदिर हमीरपुर दियोटसिद्ध में स्थित है।
- चामुंडा मंदिर- इस मंदिर का निर्माण 1761 में राजा घमंड चंद ने करवाया था।
- मारकंडा- मारकंडेय ऋषि के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ पर लगने वाला मारकंडा मेला भी काफी प्रसिद्ध है।
हमीरपुर जिले के मेले व यात्रा (Fair in Hamirpur District):
- गसोता मेला- मई के महीने में लगता है।
- होली त्योहार- संसार चंद द्वारा शुरू करवाया गया था सुजानपुर में लगता है।
- दियोटसिद्ध मेला- जून महीने में लगता है।
- मारकंडा मेला- हमीरपुर जिला में डेरा परोल से 6 किलोमीटर की दूरी पर कुनाह खड्ड के किनारे पर स्थित है।
हमीरपुर जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Hamirpur district):
- हमीरपुर में भेड़ प्रजनन केंद्र है।
- सड़कों का प्रति किलो मीटर सर्वाधिक घनत्व हमीरपुर जिले में है।
- भोरंज के डूंगरी में नवोदय स्कूल है।
- हमीरपुर के पकपडोह मैं आकाशवाणी केंद्र है।
- जलाड़ी में दुग्ध अभीषितं केंद्र है।
- हमीरपुर में NIT स्थित है।
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