लीलाधर जगूड़ी को 2018 के लिए ‘व्यास सम्मान’
प्रसिद्ध लेखक और कवि पद्म श्री लीलाधर जगूडी को ‘व्यास सम्मान (Vyas Samman)’ देने की घोषणा की गई है। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष भारतीय भाषाओं के लेखक व कवि को अखिल भारतीय बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। यह सम्मान साहित्य के अग्रदूत लीलाधर जगूड़ी को 2013 में प्रकाशित उनके कविता संग्रह ‘ जितने लोग, उतना प्रेम ’ के लिए दिया गया है। लीलाधर जगूड़ी को वर्ष 2018 के लिए 28वें व्यास सम्मान से सम्मानित किया। लीलाधर जगूड़ी को व्यास पुरस्कार के तहत चार लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी।
79 वर्षीय लीलाधर जगूड़ी के अभी तक 15 काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय चयन समिति ने व्यास सम्मान के लिए लीलाधर जगूड़ी का चयन किया। उनका सबसे पहला काव्य संग्रह वर्ष 1964 में प्रकाशित हुआ था। उन्होंने अखिल भारतीय भाषा परिषद की ओर से पश्चिम बंगाल में ‘शतदल’ पुरस्कार भी मिल चुका है।
कौन है लीलाधर जगूड़ी (Who is Leeladhar Jagudi):
लीलाधर जगूड़ी का जन्म 1 जुलाई 1940 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के एक गाँव में हुआ था। उन्होंने शिक्षक की नौकरी की और उसके बाद उत्तर प्रदेश सूचना विभाग में अधिकारी रहे। लीलाधर जगूड़ी हिंदी के वरिष्ठ कवियों में से एक हैं। उन्होंने साल 1960 से लेखन कार्य शुरू किया और लगभग 59 सालों से निरंतर लेखन कार्य करते आ रहे हैं। उनका सबसे पहला काव्य संग्रह साल 1964 में प्रकाशित हुआ था।
लीलाधर जगूड़ी को मिले सम्मान:
- वर्ष 2004 में पहला पद्मश्री पुरस्कार मिला।
- वर्ष 1997 में 1997 ‘अनुभव के आकाश में चांद’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार।
- पश्चिम बंगाल की भारतीय भाषा परिषद की ओर से शतदल पुरस्कार दिया।
- ओड़िसा के एक विवि ने ‘गंगा नेशनल अवार्ड’ से सम्मानित किया।
- उत्तराखंड गौरव सम्मान
- रघुवीर सहाय सम्मान
लीलाधर जगूड़ी की प्रमुख कविता-संग्रह:
- शंखमुखी शिखरों पर
- नाटक जारी है
- इस यात्रा में
- रात अब भी मौजूद है
- बची हुई पृथ्वी
- घबराए हुए शब्द
- भय भी शक्ति देता है
- अनुभव के आकाश में चाँद
- महाकाव्य के बिना
- ईश्वर की अध्यक्षता में
- खबर का मुँह विज्ञापन से ढँका है
व्यास सम्मान (Vyas Samman):
व्यास पुरस्कार लेखक को पिछले दस वर्षों में प्रकाशित कार्य पर दिया जाता है। व्यास सम्मान भारत में एक साहित्यिक पुरस्कार है, जिसे पहली बार 1991 में प्रदान किया गया था। यह के.के. बिड़ला फाउंडेशन और इसमें चार लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है। व्यास सम्मान भारतीय साहित्य में किये गये योगदान हेतु दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है।
- साल 1991 में रामविलास शर्मा की कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी’ के लिए दिया गया था
- वर्ष 2017 में ममता कालिया के उपन्यास ‘दुक्खम-सुक्खम’ के लिए प्रदान किया गया।
- लीलाधर जगूड़ी को वर्ष 2018 में प्रकाशित कविता संग्रह ‘ जितने लोग, उतना प्रेम ’ के लिए दिया गया है।
Read also:
- प्रित्जकर पुरस्कार 2019 (Pritzker award 2019)
- ऑस्कर अवार्ड्स 2019 (Oscar Awards 2019)
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