Geographical Structure of Haryana

Geographical Structure of Haryana -In Hindi

Geography of Haryana – Environmental Structure 


हरियाणा भारत के उत्तर-पश्चिम में 27°39′ से 30°55′ उत्तर अक्षांश और 74°28′ से 77°36′ पूर्व रेखांश के बीच में स्थित है। पूर्वी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर यमुना नदी बहती है। हरियाणा के उत्तर में शिवालिक पर्वतमाला और हिमाचल प्रदेश है तथा इसके पश्चिम में पंजाब है। दक्षिण में अरावली की पहाड़ियों और राजस्थान का रेगिस्तान है। हरियाणा का कुल क्षेत्रफल 44,212 वर्ग कि.मी. है तथा 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या 25,351,462 है। क्षेत्रफल की दृष्टि से हरियाणा 22 वें स्थान पर है। हरियाणा जनसंख्या के मामले में 16 वें स्थान पर है। भारतीय उपमहाद्वीप में हरियाणा की भौगोलिक स्थिति तथा थार रेगिस्तान में ऊपरी वायु उच्चताप के निकट होने के कारण हरियाणा में वर्षा के परिणाम पर काफी असर पड़ता है। इसके कारण प्रदेश के विभिन्न स्थानों में वर्षा कम होती है। हरियाणा का मैदानी भाग समुद्रतल से 700 से 900 फीट ऊँचा है।

हरियाणा को चार प्राकृतिक स्थलाकृतिक भागों में विभाजित किया गया है जो एक उपयुक्त ढांचा प्रदान करते हैं।



  • शिवालिक का पहाड़ी क्षेत्र
  • मैदानी क्षेत्र
  • रेतीला क्षेत्र
  • अरावली की पहाड़ियों का शुष्क मैदानी भूखण्ड

शिवालिक का पहाड़ी क्षेत्र (The Shivalik hill region):

शिवालिक का पहाड़ी क्षेत्रः शिवालिक पर्वत की श्रेणियाँ हरियाणा राज्य के उत्तरीपूर्वी भाग में स्थित हैं। ये पहाड़ियाँ अधिक ऊँची नहीं हैं, इन पर्वत श्रेणियों की ऊँचाई 900 मीटर से लेकर 2300 मीटर तक है। इन पहाड़ियों से घग्घर, टांगरी, मारकण्डा तथा सरस्वती नदियां निकलती हैं। इन पहाड़ियों पर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष पाये जाते हैं। यहाँ अधिक ठण्ड पड़ती है तथा वर्षा ऋतु में अधिक वर्षा होती है।

मैदानी क्षेत्र (The plain areas):

मैदानी क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा भाग है । यह उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ है। इस भाग में गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में अधिक सर्दी पड़ती है | यहाँ वर्षा भी अच्छी होती है। इसीलिए मैदान क्षेत्र में शीशम, पीपल, बड़, आम, नीम तथा जामुन के वृक्ष पाये जाते हैं। इसी भाग में वीवीपुर तथा नजफगढ़ की प्रसिद्ध झीलें स्थित हैं।

रेतीला क्षेत्र (sandy plain areas):

हरियाणा का पश्चिमी भाग, जो राजस्थान से लगा हुआ है, रेतीला है। इस भाग में जगह-जगह रेत के छोटे-छोटे टीले पाये जाते हैं जिन्हें टिब्बे कहते हैं। यहाँ पर तेज और गर्म हवाएं चलती हैं। वर्षा कम होती है, इसलिए कीकर, कैर, थोर आदि के वृक्ष तथा काँटेदार झाडियाँ पाई जाती हैं जो जलाने के काम आती हैं । महेन्द्रगढ़, भिवानी, सिरसा तथा हिसार जिले के भाग रेतीले हैं।

अरावली की पहाड़ियों का शुष्क मैदानी भूखण्ड (Dry plains of the Aravali hills):

हरियाणा में स्थित अरावली की शुष्क पहाड़ियाँ यहाँ के दक्षिण में स्थित हैं। ये राजस्थान में स्थित अरावली का ही हिस्सा है। प्रदेश का यह भाग ऊँचा-नीचा व कटा-फटा है। इन पहाड़ियों से चूना तथा स्लेट का पत्थर निकाला जाता है। यहाँ वर्षा कम होती है इसलिए यहाँ कांटेदार झाड़ियाँ तथा कांटेदार वृक्ष पाये जाते हैं। हरियाणा के नूंह जिले में अरावली की पहाड़ियाँ स्थित हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *