सिरमौर जिले का भूगोल
गठन – 15 अप्रैल 1948
मुख्यालय- नाहन
भाषा – धारटी, बिशवाई, सिरमौरी , हिंदी
सिरमौर जिला बाहरी हिमालय में स्थित है, जिसे सामान्यता शिवालिक रेंज के रूप में जाना जाता है। इस जिले के उतर में शिमला, पूर्व में उतराखंड राज्य, दक्षिण में हरियाणा राज्य और उत्तर-पश्चिम में सोलन जिले की सीमायें लगती है। गिरी नदी इस जिले की सबसे बड़ी नदी है जो शिमला जिले के कोटखाई-जुब्बल की कुप्पड पहाडियो से निकलती है और दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है।
सिरमौर जिले के नामकरण के बारे में काफी कुछ अनुमान हैं। एक मत के अनुसार यह जिला पहाड़ी रियासतों मे अपनी अहम् भुमिका रखने के कारण सभी जिलो का सिर का ताज था जिस कारण सिरमौर कहा गया था। एक मत यह भी हैं कि राजा शालिवाहन द्वितीय के पौत्र राजा रसालू के पुत्र सिरमौर के नाम पर इस जिले का नाम सिरमौर पड़ा।
पहाड़ी बोली के सिरमौरी शब्द का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि लोग आज भी इसे ठेठ पहाड़ी में ‘सरमऊर’ बोलते है जिसकी उत्पति ‘सर’ यानि कि तालाब और ‘मऊर’ यानि महल से हुई है अर्थात तालाब के किनारे महल। बाद मे वर्ण व शब्द परिवर्तन से सरमऊर का सिरमौर नाम पड़ा। इस प्रकार इस जिले के नामकरण के बारे मे लिखित साक्ष्यों के अभाव मे किसी भी सत्य पर पहुँचना मुश्किल है।
जनसांख्यिकी (Demographics):
जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-
- क्षेत्रफल (Area): 2825 Sq. Km.
- जनसँख्या (Population): 5,29,855
- पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 2,76,289
- महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार): 2,53,566
- लिंग अनुपात (Sex Ratio)(प्रति 1000):918
- साक्षरता (Literacy): 78.8% (85.6% male), (71.4% female)
- उप मंडल (Sub division): 5 (नाहन, पोंटा साहिब, राजगढ़, संगडाह, शिलाई)
- तहसीलें & उप तहसीलें (Tahsils & Sub-Tehsils): 13
- विकास खण्ड (Development Section): 6 (नाहन, पोंटा साहिब, पच्छाद, राजगढ़, संगडाह,शिलाई)
- ग्राम पंचायतें (Village panchayats): 228
सिरमौर जिले के वन्य जीव अभ्यारण्य (wildlife Sanctuary in Sirmaur District):
- चूड़धार वन्य जीव अभयारण्य (66 km2)- 15 nov 1985 को गठित हुआ।
- सिंबलवाड़ा वन्य जीव अभयारण्य (19 km2)- 8 feb 1958 को गठित हुआ।
- रेणुका वन्य जीव अभयारण्य (4 km2)- 22 july 1964 को गठित हुआ।
सिरमौर जिले की घाटियां एवं पर्वत श्रृंखलाएं (Mountain ranges and Valleys in Sirmaur District):
- गिरिपार घाटी- चूड़धार चोटी इस घाटी में स्थित है, ये सिरमौर की सबसे ऊँची चोटी।
- हरिपुरधार पर्वत (8809 फ़ीट)
- नोहराधार पर्वत
- शिलाई धार पर्वत
- दूधाम धार पर्वत
- गिरिआर घाटी- तीन श्रृंखलाओं द्वारा विभाजित है, सेन धार और धारथी धार यहा से जलाल नदी जलाल नदी निकलती है।
- क्यारदादून घाटी- बाटा नदी इस घाटी को दो भागों में बांटती है।
सिरमौर जिले की नदिया (Rivers in Sirmaur District):
- यमुना नदी- यमुना नदी यमनोत्री (उत्तराखंड) से निकलती है और खोदरी (माजरी) से हिमाचल में प्रवेश करती है तथा ताजेवाला (कॉच) से हिमाचल से बाहर निकल जाती है।
- गिरी नदी- कुप्पर चोटी (जुब्बल) से निकलती है, रामपुर घाट में यमुना में मिल जाती है।
- बाटा नदी- धारथी धार के सियोरि झरने से निकलती है, बातामंडी में यमुना में मिल जाती है।
- टोंस नदी- उत्तराखंड से निकलती है, और कोटी गावं सिरमौर(हिमाचल) में प्रवेश करती है।
- जलाल नदी- बनी गावं (पच्छाद) से निकलती है, गिरी की सहायक नदी है।
- मारकंडा नदी- बड़ावन कटासन नामक स्थान से निकलती है।
सिरमौर जिले के झीलें (The Lakes in Sirmaur District):
- रेणुका झील- ये हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।
- सुकेती झील
सिरमौर जिले के मंदिर (Temple in Sirmaur District):
- गायत्री मंदिर- रेणुका में स्थित महात्मा पराया नन्द ब्रह्मचारी द्वारा बनाया गया है।
- जगन्नाथ मंदिर- इसका निर्माण राजा बुध प्रकाश ने सन 1681 में किया।
- त्रिलोकपुर मंदिर- इसकी स्थापना दीप प्रकाश (1573) ने की थी, ये माँ बालासुंदरी को समर्पित है। इसे 84 घंटियों वाली देवी भी कहा जाता है।
- कटासन देवी मंदिर- कोलर में स्थित जगत प्रकाश द्वारा स्थापना मंदिर है।
- लक्ष्मी नारायण मंदिर- नाहन में स्थित भूप प्रकाश (1708) द्वारा स्थापना मंदिर है।
- शिव मंदिर- नाहन(रानीताल) में स्थित इसकी स्थापना शमशेर प्रकाश (1889) ने की।
- रामकुंडी मंदिर- नाहन में स्थित कीर्ति प्रकाश द्वारा स्थापना मंदिर है।
- विश्वकर्मा मंदिर- विश्वकर्मा मंदिर पौंटा साहिब (सिरमौर) मैं स्थित है।
सिरमौर जिले के मेले व यात्रा (Fair in Sirmaur District):
- रेणुका मेला- रेणुका में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेला लगता है।
- गांधी मेला- अंबोया में 30 जनवरी को गांधी मेला लगता है।
- नाग नाऔना मेला- पुरुवाला (सालवाला) में नाग नाऔना मेला दशहरे के दिन लगता है।
- माघी त्यौहार- सिरमौर में माघी का त्यौहार लगता है।
सिरमौर जिले का लोक नृत्य एवं लोकगीत (Folk dance and Folk song of Sirmaur district):
- लोकगीत- लाहाना , झूरी , नाटी, हार।
- लोकनाट्य- स्वांग , करियाला।
- लोकनृत्य- बीड़सु, गीह , नाटी , रासा, झूरी , बुड़ाह।
सिरमौर जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजना (Major hydroelectric project in Sirmaur district):
- गिरी परियोजना (60 MW)- गिरी नदी में 1966 में बनकर तैयारें हुई हिमाचल गवर्नमेंट द्वारा बनाई गयी सबसे पहली परियोजना थी।
- यमुना परियोजना (132 MW)- उत्तराखंड के सहयोग से यमुना नदी में बनाई गयी है।
- रेणुका परियोजना (40 Mw)- ये परियोजना परशुराम सागर बांध में प्रगति पर है।
सिरमौर जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Sirmaur district):
- हिमाचल प्रदेश का सबसे लम्बा पुल यमुना का पुल पौंटा साहिब (सिरमौर) में स्थित है।
- सिरमौर में सबसे ज्यादा अदरक का उत्पादन किया जाता है।
- प्रथम सीमेंट फैक्ट्री राजबन (सिरमौर) में स्तिथ है।
- नाहन में बन्दूक और बिरोजा उद्योग हैं।
- भारत का प्रथम जीवशयम पार्क सुकेती (सिरमौर) में स्तिथ है।
- सबसे ज्यादा वन सिरमौर में पाए जाते है।
- सिरमौर में चूने का पत्थर, बेराइट, जिप्सम, पाया जाता है।
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