सोलन जिला (SOLAN DISTRICT)
गठन – 1 सितम्बर 1972
मुख्यालय- सोलन
भाषा – पहाड़ी, हिंदी
सोलन हिमाचल प्रदेश राज्य में सोलन जिले का जिला मुख्यालय है जिसका अस्तित्व 1 सितंबर 1 9 72 को हुआ । हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद, यह राज्य की राजधानी शिमला से 46 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। सोलन जिला हिमाचल प्रदेश के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित है| सोलन जिले के पूर्व में शिमला, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में बिलासपुर और मण्डी तथा दक्षिण में सिरमौर , और हरियाणा की सीमाएं लगती हैं।
सोलन जिले का नाम हिंदू देवी शूलिनी देवी के नाम पर है। जून के महीने में हर साल, देवी के नाम पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शूलिनी देवी की शहर में झांकी तथा ठोडो मैदान मे तीन दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण है। सोलन जिले में मशरूम की खेती के कारण इसे “भारत का मशरूम शहर (India’s Mushroom City)” भी कहा जाता है। क्षेत्र में टमाटर के थोक उत्पादन के संदर्भ में सोलन को “रेड गोल्ड (Red gold)” का नाम दिया गया है।
जनसांख्यिकी (Demographics):
जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-
- क्षेत्रफल (Area): 1,936 Sq. Km.
- जनसँख्या (Population): 5,80,320
- पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 308754
- महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार): 271566
- लिंग अनुपात (Sex Ratio)(प्रति 1000):884
- साक्षरता (Literacy): 85.02% (90.72% male), (77.80% female)
- उप मंडल (Sub division):4 (अर्की, कन्डाघाट, नालागढ़, सोलन)
- तहसीलें & उप तहसीलें (Tahsils & Sub-Tehsils): 12
- विकास खण्ड (Development Section): 5 (धर्मपुर, कण्डाघाट, नालागढ़, सोलन, कुनिहार)
- ग्राम पंचायतें (Village panchayats): 211
सोलन जिले के वन्य जीव अभ्यारण्य (wildlife Sanctuary in Solan District):
- दाड़लाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य- 6 km2 में फेला है, इसका निर्माण 1974 में हुआ।
- मजाठल वन्य जीव अभ्यारण्य- 30 km2 में फेला है, इसका निर्माण 1974 में हुआ।
- चायल वन्य जीव अभ्यारण्य- 16 km2 में फेला है, इसका निर्माण 1974 में हुआ।
- शिल्ली वन्य जीव अभ्यारण्य- 2 km2 में फेला है, इसका निर्माण 1974 में हुआ।
सोलन जिले की प्रमुख घाटियाँ (valleys in Solan District):
- सपरून घाटी- सोलन जिले की सोलन तहसील में स्थित है।
- दून घाटी- नालागढ़ तहसील में स्थित है। दून घाटी जिले की सबसे उपजाऊ घाटी है।
- कुनिहार घाटी- अर्की तहसील में कुनिहार घाटी स्थित है।
सोलन जिले की नदिया (Rivers in Solan District):
- असनी नदी- ये यमुना की सहायक नदी है।
- गम्भर, डबार, कुठार, और कियार नदी- ये सभी सतलुज की सहायक नदी है।
सोलन जिले के मंदिर (Temple in Solan District):
- शूलिनी मंदिर- सोलन जिले का नाम हिंदू देवी शूलिनी देवी के नाम पर ही पड़ा।
- नरसिंह मंदिर
- शिव मंदिर
- मंगला माता मंदिर
- जटोली मंदिर- जोटोली मंदिर सोलन में शिव मंदिर है। यह भगवान शिव के एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है।
- पंच परमेस्वर मंदिर
- काली माता मंदिर
सोलन जिले के मेले और त्यौहार (Fair and festival in Solan District):
- हिमाचल उत्सव- ये सोलन में 8 दिनों का मेगा इवेंट होता है इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यापार मेला, भोजन उत्सव, कुश्ती आदि होता है।
- शूलिनी मेला- जून के महीने में हर साल, देवी के नाम पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शहर में झांकी तथा ठोडो मैदान मे तीन दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण है।
- शरद पूर्णिमा मेला (कुनिहार)
- देवी बारा मेला (मंगल)
- बैशाखी मेला (कुनिहार)
- बानी मेला
- बारी मेला
- कोटि मेला (कोटि गाँव)
सोलन जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Solan district):
- सोलन के नौणी में वाई. एस. परमार (Y. S. Parmar) बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1985 ई में की गई थी।
- कसौली के सनावर में लॉरेंस स्कूल है जिसकी स्थापना 1847 ई. में सर हेनरी लॉरेंस ने की थी
- चायल महाराजा पटियाली भूपीन्द्र सिंह की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी
- चायल में विश्व का सबसे ऊँचा क्रिकेट ग्राउंड है
- नालागढ़ में डोलोमाइट, कुठार में जिप्सम और दाड़लाघाट में लाइम स्टोन (चूना पत्थर) के भण्डार हैं।
- बद्दी हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है
- सोलन जिले में मशरूम की खेती के कारण इसे “भारत का मशरूम शहर (India’s Mushroom City)” भी कहा जाता है।
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