कांगड़ा जिला (Kangra District)

कांगड़ा जिला (KANGRA DISTRICT)


गठन – 1 नवंबर 1966
मुख्यालय- धर्मशाला

भाषा –  कांगड़ी, डोगरी, पंजाबी भाषा

KANGRA DISTRICT
Image Source: onefivenine.com

कांगड़ा जिला 1 सितंबर, 1972 को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जिलों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया। यह 19 नवंबर, 1966 को हिमाचल प्रदेश में स्थानांतरित किए जाने तक क्षेत्र के संदर्भ में समग्र पंजाब का सबसे बड़ा जिला था और छः तहसीलों अर्थात नूरपुर, कांगड़ा, पालमपुर, देहरोपोपपुर, हमीरपुर और ऊना कुल्लू 1962 तक कांगड़ा जिले का तहसील भी थी और 1960 तक कांगड़ा का एक हिस्सा बनकर लाहौल और स्पीति का गठन किया गया था। 1 नवंबर, 1966 को समग्र पंजाब के पुनर्मठित संगठन कांगड़ा का गठन जिला शिमला, कुल्लू, लाहौल और स्पीति और उना और नालागढ़ के तहसीलों और गुरदासपुर जिले के तीन गांवों के साथ हिमाचल प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया गया।



कांगड़ा जिले का नाम कांगड़ा शहर से है, जिसे प्राचीन समय में नगरकोट के रूप में जाना जाता था। कांगड़ा मूल रूप से प्राचीन त्रिगर्ता या त्रिगर्त, जालंधर का एक हिस्सा था, जिसमें “शातादरू” (सतलुज ) और रवि के बीच वाला क्षेत्र शामिल था। सतलुज के पूर्व में भूमि का एक मार्ग, शायद पंजाब के सिरहिन्द का क्षेत्र भी त्रिकोण का एक हिस्सा बन गया है। त्रिगर्त के दो प्रांत थे एक जालंधर में मुख्यालय के साथ मैदान में और अन्य नगरों के मुख्यालय पहाड़ियों में (वर्तमान कांगड़ा) थे

जनसांख्यिकी (Demographics):

जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-

  • क्षेत्रफल (Area): 5739 sq.Km
  • जनसँख्या (Population): 15,10075
  • पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार):750,591
  • महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार):759,484
  • ग्रामीण जनसंख्या (Rural population):1,420,864 (94.29 %)
  • शहरी जनसंख्या (Urban population):86,359 (5.71%)
  • अनुसूचित जाति जनसंख्या (Scheduled caste population):  
  • अनुसूचित जनजाति जनसंख्या (Scheduled Tribes Population):
  • लिंग अनुपात (Sex Ratio)((प्रति 1000)):1012
  • साक्षरता (Literacy):1,152,640
  • उप मंडल (Sub division): 14
  • तहसीलें & उप तहसीलें (Tahsils & Sub-Tehsils): 33
  • विकास खण्ड (Development Section): 15
  • ग्राम पंचायतें (Village panchayats):748

कांगड़ा जिले की घाटियां एवं पर्वत श्रृंखलाएं (Mountain ranges and Valleys in Kangra District):

  • धौलाधार पर्वत श्रृंखला ( इसे मौलाक पर्वत के नाम से भी जानते हैं)
  • कांगड़ा घाटी (इसे वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है।)
  • हनुमान टिब्बा (5860 मीटर)– कुल्लू कांगड़ा
  • घोरतनतन् (4760 मीटर)– कॅल्लू कांगड़ा
  • चोलंग (3270 मीटर)– कांगड़ा

कांगड़ा जिले के दर्रे(Passage in Kangra District):

  • भीम घासूतड़ी (5440 मीटर)– कांगड़ा चंबा
  • मकोड़ी जोत (5190 मीटर)– कांगड़ा
  • जालसू दर्रा (3450 मीटर)– कांगड़ा
  • तामसर दर्रा (4572 मीटर)– कांगड़ा
  • तेतु दर्रा (5000 मीटर)– कुल्लू कांगड़ा

कांगड़ा जिले के ग्लेशियर (Glacier in Kangra District):

  • भादल ग्लेशियरे (बड़ा भंगाल)

कांगड़ा जिले की नदिया (Rivers in Kangra District):

  • व्यास नदी (पालमपुर से कांगड़ा जिले में प्रवेश करती है)
  • बीनवा नदी (व्यास नदी की सहायक नदी है)
  • न्यूगल नदी (व्यास नदी की सहायक नदी है)

कांगड़ा जिले के झीलें (The Lakes in Kangra District):

  • पोंग झील (इसे महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी जाना जाता है)
  • डल झील (1775 मीटर)
  • करेरी झील (1810 मीटर)

कांगड़ा जिले के मंदिर (Temple in Kangra District):

  • ज्वालामुखी मंदिर- महाराजा रणजीत सिंह ने 1813 में यहां सोने का गुंबद बनवाया था
  • बृजेश्वरी देवी मंदिर- यह 1905 में आए भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हो गया।
  • मसरूर रॉक कट मंदिर- 8वीं शताब्दी में  यह मंदिर नागर शैली से बना हुआ है।
  • बैजनाथ मंदिर- 1204 में मयूक और आहुक नामक व्यापारियों ने शिखर शैली में इसका निर्माण करवाया था।
  • भागसु नाग मंदिर- राजा धर्मचंद द्वारा निर्माण कराया गया।
  • बृज रॉज बिहारी मंदिर- राजा बासु द्वारा निर्माण कराया गया।
  • लक्ष्मी नारायण- संसार चंद द्वारा निर्माण कराया गया।
  • कुणाल पथरी- धौलाधर पर्वत के तले देवी दुर्गा को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है।
  • बगलामुखी मंदिर-  हिंदू धर्म में 10 महाविद्यायों में से एक है।
  • नागानी माता- पठानकोट/मनाली राजमार्ग पर नूरपुर शहर से लगभग 6 किमी दूर स्थित है।

कांगड़ा जिले के मेले व यात्रा (Fair in Kangra District):

  • ज्वालामुखी मेला -अक्टूबर
  • नागिनी मेला – राज्य स्तरीय मेला

कांगड़ा जिले का लोक नृत्य एवं लोकगीत (Folk dance and Folk song of Kangra district)

  • लोकनृत्य: चंद्रोली, भगतु
  • लोकगीत: हरिसिंह राजेया , नूरपुर दिए खतरेटिये , सुलिया टंगोई गयी मेरी जान , घोड़ी

कांगड़ा जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजना (Major hydroelectric project in Kangra district):

  • पोंग जल विद्युत परियोजना (396 MW)- ब्यास नदी पर स्थित
  • गज जल विद्युत परियोजना (10.25 MW)- गज खड पर
  • बनेर परियोजना(12 MW)- बनेर खइड
  • देहर परियोजना (990 MW)- देहर खड्ड

कांगड़ा जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Kangra district)

  • अंद्रेटा आर्ट गैलरी कांगड़ा में स्थित है, यहा शोभा सिंह की कृतियां रखी गई है।
  • पालमपुर में कृषि विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1978 में की गई थी।
  • पपरोला में आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थापना 1978 में की गई थी।
  • धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थित है।
  • धर्मशाला बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का निवास स्थान है।
  • धर्मशाला को छोटा तिब्बत /छोटा लहासा के नाम से भी जाना जाता है।
  • 1863 में सेंट जोस चर्च के पास लॉर्ड एल्गिन (Lord Elgin) को दफनाया गया था।
  • कांगड़ा में 1973 में दुग्धं परियोजना शुरू की गई।
  • नगरोटा पालमपुर और शाहपुर में रेशम बीज केंद्र है।
  • गग्गल हवाई अड्डा(Gaggal airport or Kangra Airport) हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह 770 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
  • कांगड़ा वैली रेलवे (Kangra Valley Railway) जोगिंदरनगर पठानकोट रेल लाइन के नाम से भी जाना जाता है।
  • कांगड़ा वैली रेलवे का निर्माण 1926 में शुरू हुआ था तथा 1929 में पहली ट्रेन चली।

 

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