Upper Caste Reservation:आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण
जानिए सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
केंद्रीय कैबिनेट ने सवर्ण जातियों को 10% आरक्षण (Upper Caste 10% Reservation) के फैसले पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद ये जानकारी दी।एससीएसटी एक्ट(SC ST Act) पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में मिली हार के मद्देनजर इसे अगड़ों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।
राजनीतिक प्रतिभाओं के अनुसार, माना जा रहा है कि इस फैसले के दूरगामी राजनीतिक परिणाम देखने को मिलेंगे। कुछ अन्य जातियां भी लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण की मांग कर सकती हैं।
क्या है आर्थिक आधार पर आरक्षण ?
यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर दिया जाएगा। आरक्षण का फायदा उन लोगों को मिलने की संभावना है जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है और जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा।
1931 के बाद देश में सरकार की तरफ से कभी जातिगत जनगणना नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या इनके अलावा किसी भी अन्य विशेष श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण का कुल आंकड़ा 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा।
इसके लिए अनु -15 और अनु -16 में संशोधन किया जाएगा। इन अनुच्छेदों में बदलाव करने के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा।
प्रमुख मानक जिनके आधार पर आरक्षण तय किया जायेगा?
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को परिभाषित करने के लिए कई मानक तय किए जाएंगे। जिन परिवारों की आय 8 लाख रूपए सालाना से कम होगी वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दायरे में आएंगे।
- जिनकी कृषि योग्य भूमि पांच एकड़ से कम होगी उन्हें इसके दायरे में रखा जाएगा।
- अन्य मानकों में पात्रता के लिए आवासीय घर [Residential House] एक हजार वर्ग फिट से कम होना चाहिए।
- अधिसूचित नगरपालिका में सौ गज से कम का प्लॉट होने पर ही आरक्षण का लाभ पा सकेंगे |
- गैर अधिसूचित नगरपालिका इलाके में आवासीय प्लॉट की सीमा 200 गज रखी गई है।
- सिर्फ सवर्ण हिंदू ही नहीं, गरीब अल्पसंख्यक भी आएंगे 10 फीसदी आरक्षण के दायरे में |
क्या है अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16?
अनुच्छेद 15- राज्य द्वारा धर्म, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर विभेद का प्रतिषेध | इसके अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में अनुसूचित जाति (SC) – 15%, अनुसूचित जनजाति (ST) – 7.5%, अलपसंख्यक वर्गों (OBC) – 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
अनुच्छेद 16 – राज्य नागरिकों को धर्म , जाति , लिंग , जन्मस्थान , निवास स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा, परंतु इसके अपवाद स्वरुप धार्मिक संस्थाओ में धर्म के आधार पर नियुक्ति की जा सकती है । जैसे- मंदिर मस्जिद के लिए सरकार ने ट्रस्ट बनवाए है और उनमे नियुक्तियों का अधिकार विशेष धर्म के लोगो को ही प्रदान किया है।
संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में देश के पिछड़े नागरिकों को आरक्षण देने का जिक्र है। केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने जुलाई 2016 में बताया था कि देश में अभी जातिगत आधार पर 49.5% आरक्षण दिया जा रहा है।
किस वर्ग को कितना आरक्षण?
वर्ग – आरक्षण
- ओबीसी- 27%
- एससी- 15%
- एसटी- 7.5%
- कुल- 49.5%
आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देना सही निर्णय है इस बारे में कृपया अपनी राय व्यक्त करे…