Major Branches and Fields of Biology

Major Branches and Fields of Biology-In Hindi

जीव विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ और क्षेत्र (Major Branches and Fields of Biology)


1. Apiculture (Honey bee-Apis mellifera)- मधुमक्खी पालन के अध्ययन को Apiculture कहा जाता है।

2. Sericulture- रेषम कीट पालन को Sericulture कहा जाता है।



3. Pisciculture- मत्यस्य पालन के अध्ययन को Pisciculture कहा जाता है।

4. Mycology – कवकों के अध्ययन को Mycology कहा जाता है।

5. Phycology- शैवालों के अध्ययन को Phycology कहा जाता है।

6. Pomology- फलों का अध्ययन।

7. Ornithology- पक्षियों का अध्ययन।
Note- Salim Ali को भारत में पक्षियों के जनक (father of Ornithology) के नाम से जाना जाता है।

8. Ichthyology- मछलियों का अध्ययन

9. Entomology- कीटों का अध्ययन

10. Ophiology- सर्पो का (snakes) अध्ययन

11. Anatomy- जन्तुओं के विभिन्न अंगों की आंतरिक रचना का अध्ययन किया जाता है।

12. Cytology- कोशिका तथा इसके अंगों की संरचना का अध्ययन इस शाखा के अंतर्गत किया जाता हैं।

13. Ecology- पर्यावरण का पादपों एवं जंतुओं पर और उनका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है यह अध्ययन Ecology (पारिस्थितिकी) कहलाता है।

14. Embryology- इसके अंतर्गत पादपों एवं जन्तुओं में भ्रूण विकास से संबंधित अंगों, उनकी रचना और कार्य का अध्ययन किया जाता है।

15. Genetics (आनुवांषिकी)- पौधों एवं जन्तुओं की उत्पत्ति संबंधित अध्ययन को आनुवांषिकी कहा जाता है।

16. Paleontology (जीवाष्म विज्ञान)- इसमें पादपों एवं जन्तुओं के जीवाष्मों का अध्ययन किया जाता हैं।

17. Taxonomy (वर्गीकरण )- इसके अंतर्गत विभिन्न पादपों एवं जन्तुओं की पहचान, उनका नामांकरण करना और फिर उनकी विशिष्टता के आधार पर उन्हें उचित वर्ग में शामिल करना सम्मिलित है।

18. Histology (ऑतिकी)- इसके अंतर्गत पादपों एवं जंतुओं के विभिन्न प्रकार के उतकों का अध्ययन किया (ऊतक विज्ञान) जाता है।

19. Endocrinology (अंतः स्त्राविकी)- यह प्राणी विज्ञान की वह शाखा है जिसमें हार्मोन्स (JHormones)के स्त्रवण(Secretion), प्रकृति (Nature)और प्रभाव आदि के बारे में अध्ययन किया जाता हैं।

20. Parasitology(परजीवी विज्ञान)- प्राणी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत परजीवियों के संरचनाओं तथा जीवन क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।

21. Ethology- इसके अंतर्गत प्राणियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। विशेष कर प्राकृतिक परिस्थितियों में प्राणियों का नैसर्गिक या सहज व्यवहार।
22. Herpetology- यह प्राणी विज्ञान की बह शाखा जिसमें Reptiles या सरीसृपों तथा उभयचरों (Amphibian) की संरचना, स्वभाव और वर्गीकरण आदि का अध्ययन किया जाता है

23. Limnology- नदी, सरोवर आदि स्थिर मीठे पानी में पाए जाने वाले प्राणियों के अध्ययन से
संबंधित को सरोविज्ञान कहा जाता है।

24. Bacteriology (जीवाणु विज्ञान)– यह सूक्ष्म विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवाणुओं की संरचना, उनके प्रकार वर्गीकरण, कार्य विधि तथा इनका अन्य जीवों पर प्रभाव आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है।

25. Virology (विषाणु विज्ञान)- यह सूक्ष्म विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत विषाणुओं के बारे में अध्ययन किया जाता है।

25. Agronormy(शस्य विज्ञान)- खेतों में उगाई जाने वाली फ़सलों की अपनी विशेष आवश्यकता होती हैं, कौन सी फसल (Agriculture) के लिए किस प्रकार की मिट्टी, पानी, तापमान, उर्वरक आदि चाहिए ताकि पैदावार अच्छी हो, इस विज्ञान के तहत यह अध्ययन किया जाता है।

27. Nematology- Nematodes कुछ गोल, पतले,बेलनाकार (Cylindrical) या धागे जैसे कमियों का एक वर्ग है जिसमें से कुछ सदस्य मिट्टी या पानी में परजीवी होते हैं. इस कारण फ़सलों में कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं, इनका अध्ययन Nematology के अंतर्गत किया जाता है।

28 Hydrology(जल विज्ञान)- विज्ञान की शाखा के अंतर्गत भूमि जल के बारे में अध्ययन किया जाता है कि वह फ़सलों के लिए उपयोगी है अथवा नहीं क्योंकि कभी-कभी भूमि जल में कुछ रसायनों के मिले होने से वह उपयोग लायक नहीं रहता हैं और फ़सलों को नुकसान हो सकता है।

29. Microbiology(सूक्ष्म जीव विज्ञान)- इस शाखा के अंतर्गत उन सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया जाता है जिन्हें सिर्फ माइक्रोस्कोप की सहायता से देखा जा सकता है।

30. Horticulture(उदयान विज्ञान)- इसमें उद्यानों से संबंधति अध्ययन किया जाता है।

31. Pedology/Edaphology(मृदा विज्ञान)- मिट्टी के बारे में अध्ययन इस विज्ञान की शाखा के अंतर्गत किया जाता है, यह पफसलों के लिए आवश्यक हैं क्योंकि अलग-अलग प्रकार की फ़सलों के लिए अलग-अलग प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती हैं।
Note – मृदा के बनने की प्रक्रिया को Pedogenesis कहते हैं।

32 Silviculture(वन वृक्ष विज्ञान)- वनों में प्राकृतिक रूप से उगने वाले अथवा लगाए जाने वाले वृक्षों के बारे में विस्तृत अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता हैं।

33. Floriculture (पुष्प विज्ञान)- फूलों वाले पौधे तथा उनकी मिट्टी, पानी, खाद आदि की आवश्यकताओं के बारे में अध्ययन किया जाता है।

34. Laryngology (vocal cord)- स्वर रज्जु के बारे में अध्यन किया जाता हैं।

35. Psychiatry- इसके अंतर्गत मस्तिष्क संबंधी विकारों का अध्ययन किया जाता है।

36. Taxidermatology (चर्म प्रसादन विज्ञान)- इसके अंतर्गत चर्म, इनके रोग, संरचना और उपयोग के बारे में अध्ययन किया जाता है।

37. veterinary science (पशु चिकित्सा विज्ञान)- इसमें पशुओं के बारे में तथा उनकी चिकित्सा संबंधी अध्ययन किया जाता है।

 

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