National Parks and Sanctuaries of Haryana
(हरियाणा के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य)
हरियाणा का वन्यजीव और वन क्षेत्र मुख्य रूप से उत्तर में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में और दक्षिण हरियाणा में अरावली पहाड़ी श्रृंखला में स्थित हैं। हरियाणा राज्य में, 2 राष्ट्रीय उद्यान (National Parks), 8 वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries), 2 वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र (Wildlife Conservation Areas), 4 पशु और पक्षी प्रजनन केंद्र (Animal & Bird Breeding Centers), 1 हिरण पार्क (Deer park) और 50 हर्बल पार्क हैं, जिनका प्रबंधन हरियाणा सरकार के वन विभाग, द्वारा किया जाता है।
एक राष्ट्रीय उद्यान के भीतर लोगों को भूमि अधिकरण व् पशुधन की चराई की अनुमति नही होती है जबकि एक अभयारण्य के अंदर भूमि पर अधिकार की अनुमति दी जा सकती है। एक अभयारण्य के अंदर पशुधन की चराई की अनुमति दी जा सकती है। एक अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उन्नत किया जा सकता है। हालाँकि एक राष्ट्रीय उद्यान को अभयारण्य के रूप में डाउनग्रेड नहीं किया जा सकता है।
हरियाणा के राष्ट्रीय उद्यान
(National parks of Haryana)
1. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park):
सुल्तानपुर का नाम चौहान राजपूत राजा सुल्तान सिंह चौहान के नाम पर रखा गया है, जो “हर्ष देव सिंह चौहान” के बड़े पोते हैं। सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान जो पहले सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से जाना जाता था। ये उद्यान गुरुग्राम-झज्जर राजमार्ग पर सुल्तानपुर गाँव में स्थित है, जो गुरुग्राम, हरियाणा से 15 किमी दूरी पर स्थित है। ये राष्ट्रीय उद्यान 1.42 वर्ग किलोमीटर (142.52 हेक्टेयर) में फैला है।
सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यान है। ये उद्यान प्रवासी पक्षीयो के लिए जाना जाता है यहा हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहा मुख्य रूप से पैडीफील्ड पिपिट, बैंगनी सनबर्ड, क्रीमोरेंट, भारतीय कॉर्मोरेंट, स्पूनबिल, ग्रे फ्रेंकोलिन, ब्लैक फ्रेंकोलिन, इंडियन रोलर, रेड-वैंटेड बुलबुल, रोज-रिंगेड पैराकेट, रेड-वॉटल्ड लैपविंग, शिकरा, यूरेशियन कॉलर वाले कबूतर, लाल कॉलर वाले कबूतर, चित्तीदार उल्लू और हरी मधुमक्खी देखने को मिलती है।
पक्षी अभयारण्य के रूप में, यह पीटर मिशेल जैक्सन, प्रसिद्ध ब्रिटिश पक्षी विज्ञानी और दिल्ली बर्डवॉचिंग सोसाइटी के मानद सचिव थे, जिन्होंने 1970 में भारत की प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी, को झील के संरक्षण व् पक्षी अभयारण्य के लिए आवेदन किया, किन्तु मांग को अस्वीकार कर दिया गया।बाद में लेकिन बाद में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र को 1972 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया। 13 जुलाई 1989 को रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया गया।
2. कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park):
कलेसर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा राज्य के यमुनानगर जिले में संरक्षित क्षेत्र हैं ये यमुनानगर पांवटा साहिब रोड से 25 किमी की दूरी में स्तिथ है जो की लगभग 53 किमी2 में फैला है। ये हिमाचल प्रदेश में सिम्बलबारा नेशनल पार्क और उत्तराखंड में राजाजी नेशनल पार्क से लगा हुआ है। ये उद्यान तेंदुए, पैंथर्स, हाथियों और बर्ड-वॉचिंग के लिए लोकप्रिय स्थल है।
पार्क को 8 दिसंबर 2003 को 11,570 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। राष्ट्रीय उद्यान के निकट ही कलसर वन्यजीव अभयारण्य है और इसे 13 दिसंबर 1996 को अधिसूचित किया गया था, जिसका क्षेत्रफल 13,209 एकड़ था।
हरियाणा के वन्यजीव अभयारण्य
Wildlife Sanctuaries of Haryana
1. भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य (Bhindawas Wildlife Sanctuary):
भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य और निकटवर्ती भिंडावास पक्षी अभयारण्य झज्जर जिले में स्थित है, जो झज्जर शहर से लगभग 15 किमी दूर है। हरियाणा सरकार ने 5 जुलाई 1986 को 411.55 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया। यहा से साहिब नदी गुजरती है जो राजस्थान में अरावली पहाड़ियों से यमुना तक जाता है।
2. खपरवास वन्यजीव अभयारण्य (Khaparwas Wildlife Sanctuary):
खपरवास पक्षी अभयारण्य झज्जर जिले में एक पक्षी अभयारण्य है, जो दिल्ली के लगभग 80 किलोमीटर है। ये रिजर्व 82.70 हेक्टेयर में फैला है। हरियाणा सरकार ने आधिकारिक तौर पर 30 जनवरी 1987 को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया। ये भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य से 1.5 किमी की दूरी में स्थित है।
3. नाहर वन्यजीव अभयारण्य (Nahar Wildlife Sanctuary):
नाहर वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के रेवाड़ी जिले में स्थित है। यह रेवाड़ी से 36.9 किमी दूर है। यह 211.35 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे नाहर नाम दिया गया है क्योंकि यह नाहर गांव (नाहड़ गांव) के अंतर्गत आता है। 30 जनवरी 1987 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। नाहर वन्यजीव अभयारण्य काला हिरन (Black Buck) के आवास के रूप में जाना जाता है।
4. छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य (Chhilchhila Wildlife Sanctuary):
छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य, जिसे सेउंटी रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में भी जाना जाता है, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पास स्थित है। सर्दियों में यहा प्रवासी आर्द्रभूमि पक्षियों की 57 से अधिक प्रजातियों आती है। इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत 1986 में बर्ड सैंक्चुअरी घोषित किया गया था।
5. सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य (Saraswati Wildlife Sanctuary):
सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य, जिसे सोनसर वन भी कहा जाता है, हरियाणा राज्य के कैथल जिले में स्थित है। यह 4,452.85 हेक्टेयर (11,003.2 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा सरकार द्वारा 29 जुलाई 1988 को सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।
6. अबूबशहर वन्यजीव अभयारण्य (Abubshahar Wildlife Sanctuary):
अबुबशहर वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के सिरसा जिले में स्थित है। ये 11530.56 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। हरियाणा सरकार ने 30 जनवरी 1987 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया।
7. खोल ही-रायतान वन्यजीव अभयारण्य (Khol Hi-Raitan Wildlife Sanctuary):
खोल हाय-रतन वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में स्थित है। खोल हाय-रितान वन्यजीव अभयारण्य और बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य एक दूसरे से केवल 3 किमी की दूरी पर हैं। हरियाणा सरकार ने 10 दिसंबर 2004 को आधिकारिक तौर पर इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया है। यहा भारतीय तेंदुआ, एशियाई हाथी, चीतल (चित्तीदार हिरण), सांभर हिरण, जंगली सूअर, जसी जंगली प्रजातियां पाई जाती है।
8. बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य (Bir Shikargah Wildlife Sanctuary):
बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में स्थित है। यह 767.30 हेक्टेयर (1,896.0 एकड़) के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहा गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र, (जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केँद्र) भी स्थित है। इसे 29 मई 1987 को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। इस अभयारण्य में भारतीय तेंदुआ, एशियाई हाथी, चीतल (चित्तीदार हिरण), सांभर हिरण, जैसे कई प्रजातियां पाई जाती है।
9. असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य (Asola Bhatti Wildlife Sanctuary):
असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पहाड़ी श्रृंखला के दक्षिणी दिल्ली रिज पर 32.71 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करते हुए दक्षिणी दिल्ली के साथ ही फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों के उत्तरी हिस्से में स्थित है। असोला से पक्षियों की बड़ी संख्या के साथ औषधीय पौधों की लगभग 193 प्रजातियां हैं, जिनमें 80 से अधिक तितलियों की प्रजातियां, सैकड़ों अन्य कीड़े, स्तनधारी जैसे तेंदुए, नीलगाय (देश के सबसे बड़े एंटॉपोप), ब्लैकबक पाई जाती है।
Source: http://haryanaforest.gov.in/