The Attorney General of India

भारत के महान्यायवादी (The Attorney General of India)

भारत के अटॉर्नी जनरल


संविधान के भाग-5 के अनुच्छेद 76 (Article 76) के तहत् भारत में महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के पद का सृजन किया गया है। महान्यायवादी भारत सरकार का पहला कानूनी सलाहकार (First legal adviser) होता है तथा भारत सरकार को विधिक मामले पर सलाह (Asvice) देता है। उसकी नियुक्ति संघीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त (During the pleasure of the President) अपना पद धारण करता है। राष्ट्रपति ऐसे व्यक्ति को महान्यायवादी नियुक्त करता है जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता है।

नियुक्ति और पदावधि (Appointment and tenure of office):

भारत के अटॉर्नी जनरल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा देश के संविधान की अनुच्छेद 76 (1) के तहत नियुक्त किया जाता है। वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही कार्यरत रहता है। उसे किसी भी समय राष्ट्रपति  द्वारा हटाया जा सकता है। उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है।



कर्तव्य और अधिकार (Duties and rights):

अनुच्छेद-76 (2) के अनुसार महान्यायवादी का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति द्वारा निर्देशित विषयों पर भारत सरकार को विधिक सलाह दे, तथा राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गये अन्य कर्तव्यों का पालन करें और उन कृत्यों का निर्वहन करे जो संविधान द्वारा या तत्समय प्रवृत्त विधि द्वारा उसे प्रदान किया गया हो।

  • अटॉर्नी जनरल को भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई (Audience) का अधिकार होता है।
  • अनुच्छेद 88 (Article 88) के तहत् महान्यायवादी को यह अधिकार प्रदान किया गया है कि वह संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है तथा विचार व्यक्त कर सकता है; किन्तु मतदान नहीं कर सकता है; क्योंकि वह संसद का सदस्य नहीं होता है।
  • महान्यायवादी को संसद की संयुक्त बैठक या संसद की किसी समिति में भी बालेने और उसकी कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है।
  • जब महान्यायवादी संसद की कार्यवाहियों में भाग लेता है तब उसे संसद सदस्यों के विशेषाधिकार तथा उन्मक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
  • वह भारत सरकार का विधि (legal) अधिकारी होता है, जो सुप्रीम कोर्ट में सभी मामलों में भारत सरकार का पक्ष रखता है।
  • भारत सरकार को कानूनी सलाह की आवश्यकता पड़ने पर अपनी राय सरकारके सामने रखता है।

योग्यता (Eligibility):

  • कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक हो तथा उच्चतम न्यायालय जज बनने के योग्य हो।
  • वह 5 वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश हो या 10 साल तक किसी उच्च न्यायालय का वकील रहा हो।
  • राष्ट्रपति की नजर में एक प्रतिष्ठित कानूनविद(Jurist) हो।

वेतन व् भत्ते (Salaries and allowances):

भारतीय संविधान में भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) का वेतन तथा भत्ते तय नहीं किए गए हैं उसे राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित वेतन मिलता है।

महान्यायवादी की सीमाएं ( limits of Attorney General):

  • महान्यायवादी अपनी राय को भारत सरकार के ऊपर थोप नहीं सकता है।
  • वह भारत सरकार की अनुमति के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों का बचाव नहीं कर सकता है।
  • महान्यायवादी को निजी प्रैक्टिस से रोका नहीं गया है, किन्तु वह भारत सरकार के विरुद्ध न तो सलाह दे सकता है और न ही किसी मुकदमें की पैरवी कर सकता है।

अन्य तथ्य (other facts):

महान्यायवादी  मंत्रिमण्डल का सदस्य नहीं होता है। महान्यायवादी को सहायता देने के लिए एक सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) भी नियुक्त किया जाता हैं। सॉलिसिटर जनरल भी कानूनी (न्यायिक) सलाहकार होता है। किन्तु जहां महान्यायवादी का पद संविधान की उपज है, वहीं सोलिसिटर जनरल का पद भारत सरकार द्वारा सृजित है, अर्थात् संविधान में सोलिसिटर जनरल एवं अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल के पदों का उल्लेख नहीं है।

1950 से अब तक भारत के अटॉर्नी जनरल:

क्रम संख्या  महान्यायवादी का नाम कार्यकाल
1 एम सी सीतलवाड़ (सबसे लंबा कार्यकाल) 28 जनवरी 1950 से 01 मार्च 1963 तक
2 सी.के. दफ्तरी 02 मार्च 1963 से 030 अक्टूबर 1968 तक
3 निरेन डे 01 नवम्बर 1968 से 31 मार्च 1977 तक
4 एस. वी. गुप्ते 01 अप्रैल 1977 से 08 अगस्त 1979 तक
5 एल. एन. सिन्हा 09 अगस्त 1979 से 08 अगस्त 1983 तक
6 के. परासरण 09 अगस्त 1983 से 08 दिसम्बर 1989 तक
7 सोली सोराबजी (सबसे छोटा कार्यकाल) 09 दिसम्बर 1989 से 02 दिसम्बर 1990 तक
8 जी. रामास्वामी 03 दिसम्बर 1990 से 023 नवम्बर 1992 तक
9 मिलन के. बनर्जी 21 नवम्बर 1992 से 08 जुलाई 1996 तक
10 अशोक देसाई 09 जुलाई 1996 से 06 अप्रैल 1998 तक
11 सोली सोराबजी 07 अप्रैल 1998 से 04 जून 2004 तक
12 मिलन के. बनर्जी 05 जून 2004 से 07 जून 2009 तक
13 गुलाम एस्सजी वाहनवति 08 जून 2009 से 11 जून 2014 तक
14 मुकुल रोहतगी 12 जून 2014 से 30 जून 2017 तक
15 के. के. वेणुगोपाल 30 जून 2017 से अब तक

 

 

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