सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी(Pranab Mukherjee) सहित भूपेन हजारिका(Bhupen Hazarika) और नानाजी देशमुख (Nanaji Deshmukh) को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। इन सभी को 26 जनवरी 2019 को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रीय स्वयं संघ के नेता नानाजी देशमुख एवं प्रख्यात कलाकार भूपेन हजारिका की सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारतरत्न’ से नवाजे जाने पर प्रसन्नता जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर इन हस्तियों के बारे में लिखा,
- ‘प्रणब दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं। उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश की विकास यात्रा पर मजबूत छाप छोड़ी।’
- भूपेन हजारिका के गीत और संगीत को हर पीढ़ी के लोग पसंद करते हैं। उनसे न्याय, सौहार्द और भाइचारे का संदेशप्रसारित होता है। उन्होंने दुनियाभर में भारतीय संगीत परंपराओं को लोकप्रियकराया।
- नानाजी देशमुख का देश में – ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान रहा है। वह योगदान गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त करने का नया प्रतिमान दर्शाता है।
भारत रत्न की शुरुआत:
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसकी शुरुआत 1954 में .की गई थी। इसके तहत पुरस्कार के रुपये में कोई नकद राशि नहीं दी जाती। बल्कि पीपल के पत्ते के आकार का मेडल होता है। इसके एक ओट सूर्य की | आकृति होती है और उसमें देवनागरी लिपि में भारत रत्न लिखा होता है। दूसरी ओर | अशोक स्तंभ होता, जिसके नीचे देवनागरी लिपि में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है। मेडल की ढलाई कोलकाता स्थित टकसाल में होती है।
- C राजगोपालाचारी, भारत रत्न से सम्मान पहले व्यक्ति थे ।
भारत रत्न से सम्मानित विजेताओं को मिलने वाली सुविधाएं:
- भारत रत्न विजेता को देश के विभिन्न राज्यों में राजकीय अतिथि का दर्जा मिलता है।
- विदेश यात्रा करने के दौरान भारतीय – मिशन उचित सुविधाएं प्रदान करेंगे।
- भारत विजेता जीवनपर्यंत राजनयिक पासपोर्ट धारण करने का अधिकारी होता है।
- जीवनपर्यंत एयर इंडिया के विमानों में एक्सक्युटिव श्रेणी में निशुल्क यात्रा कर सकता।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय प्रोटोकॉल के तहत 7ए स्तर की वरियता ।
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों को प्रमुख बंदिशें :
- धारा 18(1) के तहत व्यक्ति नाम के आगे, पीछे सम्मान का इस्तेमाल पदवी के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
2019 में भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के बारे में मुख्य बाते:
प्रणब मुखर्जी :
- 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती गांव में जन्म ।
- 2012-2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे।
- विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री के पदभार भी संभाले ।
- 1969 में प्रणब मुखर्जी को इंदिरा गांधी ने राज्यसभा के लिए चुना।
- प्रणब को इंदिरा गांधी का करीबी भी माना जाता था ।
- कांग्रेस से नाराजगी के बाद अलग । पार्टी भी बनाई, लेकिन 1989 में फिर कांग्रेस से जुड़ गए।
- वित्तमंत्री के पद पर रहते हुए उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले ।
- 2008 में पद्मविभूषण से नवाजा गया ।
- 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
भूपेन हजारिका :
- 8 सितंबर, 1926 को तिनसुकिया जिले के सदिया गांव में जन्म हुआ।
- 5 नवंबर, 2011 को मुंबई में 85 साल की उम्र में निधन हुआ।
- असम से बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संमीतकार और गायक थे
- असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे।
- 1992 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया
- 1977 में पद्मश्री से सम्मानित किए गए।
- 2001 में पद्मभूषण पुरस्कार मिला।
- 2009 में असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार असम रत्न’ से नवाजा।
- 2012 में पद्मविभूषण पुरस्कार दिया गया ।
- गीतकार, संगीतकार और गायक भूपेन हजारिकाको लोग भूपेन दा के नाम से जानते हैं।
नानाजी देशमुख :
- प्रख्यात समाजसेवी नानाजी देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले में 11 अक्तूबर, 1916 को हुआ।
- 27 फरवरी, 2010 को चित्रकूट में निधन ।
- लोकमान्य तिलक से प्रभावित होकर वह समाजसेवा में जुट गए।
- 1989 में पहली बार चित्रकूट आए और यहीं बस गए ।
- संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया ।
- वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। 1999 में पद्मविभूषण भी दिया गया ।
- 1940 में हेडगेवार के निधन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खड़ा किया ।
- 1977 में बलरामपुर से लोकसभा सांसद भी बने।
Source :
- Hindustan News
- PIB
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