Traditional Ornaments of Haryana
हरियाणा में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है जो वैदिक काल की अनुभूति देती है। हरियाणा के लोग अपने पारंपरिक गहने पहनना पसंद करते हैं। लगभग सामान्य गहने सोने और चांदी के होते हैं। हरियाणा, चांदी, तांबे और लाख में तैयार किये गये आभूषणों के लिए जाना जाता है। लोक आभूषण पारंपरिक डिजाइनों का अनुसरण करते हैं जो कि अनछुए रह गए हैं। प्रत्येक आभूषण अलग-अलग समुदायों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है जिसका अपना महत्व होता है।
हरियाणा के पारम्परिक आभूषण निम्नलिखित हैं-
- पात्ती
- गिटियाँ के
- रमझोल
- फूल पात्ती
- गजरियाँ
- छोटी नेवरी
- तात्ती
- कड़ी
- बड़ी धुंघरुओं की नेवरी
- छैल कड़े
- झाँजण चूड़ी
- बिछुए
- बांकड़ी
हाथों के आभूषण :
- आरसी अंगूठे की)
- गजरा
- टाड (बाजू पर पहनी जाती है)
- अँगूठी
- छन्न
- टाडिया (बाजू पर पहनी जाने वाली सोने की टाड)
- हथफूल
- पछेल्ली
- पौहची
- काँगणी
- बाजूबन्ध
- छन कंगण
- कडूल्ला
गले के आभूषण :
- हंसला – चाँदी या सोने की
- हंसली – चाँदी या सोने की
- मोहनमाला – सोने की
- गलश्री – सोने की
- कण्ठी – सोने की
- जंजीरा – सोने या चाँदी की
- गुलूबन्ध – सोने का
- झालरा – गिन्नियों का या चाँदी के रुपयों का
- बटन – चाँदी या सोने के
- हार – चाँदी का
- माला – सोने की
मुँह और सिर के आभूषण :
- फूल – (चाँदी या सोने का) सिकर के ऊपर बाँधा जाता है।
- सिंगार पट्टी – (चाँदी या सोने की) सिर के ऊपर बाँधी जाती है।
- बेस्सर – (सोने की) माथे पर बँधती है।
- ताग्गा – (सोने-चाँदी दोनों का) माथे के लिए।
- बोरला – (सोने या चाँदी का, नगीने जड़कर बनाया जाता है।
- टीक्का – माथे के बीच में लगाया जाता है।
- क्लफ – (सोने का) माथे पर लटकता है।
- बूजनी – (सोने या चाँदी की) बालों में लगाई जाती है।
- ढेडे – (कानों में पहनी जाती है) सोने या चाँदी की।
- कर्णफूल – (सोने या चाँदी के) कानों में पहने जाते हैं।
- बाली – (सोने या चाँदी की) कानों के लिए।
- डांडे – (चाँदी के) कानों के पास लटकते हैं।
- छाज – (चाँदी के) माथे पर लटकता है।
- नाथ – (सोने की) नाक में पहनी जाती है।
- पुरली – (सोने की) नाक में पहनी जाती है।
- कोक्का – (सोने का) नाक में पहना जाता है।
- लोंग – (सोने का) नाक में पहना जाता है।
अन्य आभूषण :
- गोफ – (पुरुषों का) गले का जेवर।
- कठला – (पुरुषों का) गले का सोने का जेवर।
- मुरकी – (पुरुषों का) कानों का जेवर
- जंजीरा – (पुरुषों का) कानों का जेवर
- पत्तरी – (स्त्री-पुरुष) दोनों के लिए गले का जेवर
- तागड़ी – (स्त्रियों का) कमर का जेवर
- नाड़ा – चाँदी का झब्बेदार जेवर, जो घाघरे के नाड़े के साथ बाँधा जाता है।
- पल्लू – चाँदी का जेवर, जो स्त्रियों के ओढ़ने के पल्ले में बाँधा जाता है।
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