Vitamins

विटामिन (Vitamins)- Part-I

Biology: Vitamins


विटामिन एक लेटिन भाषा का शब्द है Vita=life, amine= जीवन के लिए आवश्यक। ये कार्बनिक पदार्थ है,इनकी हमारे शरीर को सूक्ष्म मात्रा में आवश्यकता होती है लेकिन ये शरीर की समस्त उपापचयी क्रियाओं को नियंत्रित करते है। इनकी कमी से शरीर में अनेक रोग हो जाते है।

  • विटामिन की खोज- ल्यूनिन (N. I. Lunin)(1881) & होपकिन्स (Frederick Gowland Hopkins) (1912)
  • विटामिन नाम दिया- फन्क
  • विटामिन का अध्ययन विटामिनोलॉजी (Vitaminology) कहलाता है।
  • विटामिन लघु पोषक तत्व , जैविक नियंत्रक और उपापचय नियंतत्रक होते है।
  • विटामिन स्वास्थय नियंत्रक है लेकिन शरीर का निर्माण नहीं करते है।
  • सर्वप्रथम ज्ञात विटामिन- विटामिन C
  • सर्वप्रथम आसवित अथवा निष्कर्षित विटामिन – विटामिन B
  • जीवों में अभी तक 20 प्रकार के विटामिन का पता चला है जिन्हे दो प्रकार श्रेणियों में बाँटा गया हैं
    • (A) वसा में घुलनशील – A,D,E,K
    • (B) जल में धुलनशील – B,C

वसा में घुलनशील विटामिन

1. विटामिन A (Vitamin A):

  • विटामिन A का वैज्ञानिक नाम- रेटिनोल (Retinol)
  • खोजकर्ता- मैकुलन(Maculan)
  • पीले और लाल कैरोटिनाइड रंजक द्वारा यकृतं द्वारा निर्मित किया जाता है।
  • इसे एन्टी इन्फेक्शन विटामिन तथा एन्टी केन्सर विटामिन भी कहते हैं।
  •  विटामिन A को रोग प्रतिरोधक विटामिन भी कहते हैं।
  • दृष्टि के लिए के ऑखों में रोडोप्सिन का निर्माण करता है।

विटामिन A के समावयवी है-

  • विटामिन A1 रेटिनॉल -दृष्टि के लिये 
  • विटामिन A2 डीहाइड्रोरेटिनॉल जो इपिथेलियल लाइनिंग ग्रन्थियों व ऑसू उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है।

 इसकी कमी से होने वाले रोग-

  • रतोंधी या रात्रि अंधापन -इसे निक्टोलोपिया (Nyctolopia) भी कहते है।
  • जीरोपथेलेमिया (Xeropatholemia)-A2 की कमी से – ऑसू निर्माण अवरूद्ध हो जाता है। इस रोग में कन्जक्शन और कॉर्निया के किरेटिनाइजेशन के कारण कन्जेक्टिवा और कार्निया शुष्क हो जाते हैं।
  • यह सम्पूर्ण विश्व में बच्चों में अन्धेपन का मुख्य कारण है।
  • इस की कमी से शिशुओं में वृद्धि रूक जाती है।

विटामिन ए के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin A)-

  • गाजर उतम स्त्रोत है, मक्खन,अण्ड पीतक दूध,पपीता,आम,पालक,मछली,यकृत तैल,पत्तागोभी,टमाटर इत्यादि।
  • लीवर (यकृत) में भविष्य के लिए विटामिन ए भण्डारित होता है।
  • दैनिक मांग-150g

2. विटामिन D (Vitamin D):

  • विटामिन D का वैज्ञानिक नाम- कैल्सिीफेरॉल (Calciferol)
  • खोजकर्ता- हॉपकिन्स (Frederick Gowland Hopkins)

विटामिन D को सनशाइन (Sunshine) विटामिन या एन्टी रिकेटस (Anti ricketts) विटामिन भी कहते हैं यह पराबैंगनी प्रकाश की उपस्थिति में कालेस्ट्रॉल से त्वचा द्वारा निर्मित होता है।

  • इस समूह में लगभग दस विटामिन ज्ञात है।
  • कोलीकैल्सीफेरॉल (Colicalciferol) नामक D विटामिन का संश्लेषण जन्तु स्वय अपनी त्वचा कोशिकाओं में 7-डीहाइडोकोलेस्ट्रॉल नामक पदार्थ से करते है।
  • यह हड्यिों और दॉतों के लिए आवश्यक है। हड्डियों के निर्माण में तथा कैल्शियम के अवशोषण में सहायक होता है।

कमी से होने वाले रोग-

  • बच्चों में रिकेटस (सूखा रोग) हड्डियां कमजोर टेड़ी हो जाती है
  • ऑस्टियोमैलेसिया (Osteomalacia) – बच्चों और युवा वयस्कों की नरम हड्डियां विकास के दौरान झुक सकती हैं, विशेष रूप से पैरों के वजन वाले हड्डियों में। पुराने वयस्कों में ओस्टियोमलेशिया फ्रैक्चर का कारण बन सकता है।

विटामिन डी के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin D)-

  • मुख्य स्रोत सूर्य प्रकाश, सब्जियॉ,मॉस, लीवर, अण्डे, दूध इत्यादि।
  • विटामिन D खाद्य पदार्थों में अत्यंत कम मात्रा में पाया जाता है।
  • दैनिक मांग- 40 U.

3. विटामिन E (Vitamin E):

  • विटामिन E का वैज्ञानिक नाम- टोकोफेरॉल (Tocopherol)

इसे एन्टीस्टेरीलिटी (anti-sterility) विटामिन या ब्यूटी विटामिन (Beauty vitamins) भी कहा जाता है। यह विटामिन त्वचा पर से दाग और झुर्रियाँ हटाता है। अधिक उष्मा से नष्ट हो जाता है। विटामिन E एक कार्यशील प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है। एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में, यह कोशिकाओं को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

कमी से होने वाला रोग-

  • बॉझपन, गर्भपात, अंगघांत (पोलियो) पेशीयो का कमजोर होना इत्यादि । 

विटामिन इ के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin E)-

  • विटामिन ई के अच्छे आहार स्रोतों में बादाम, मूंगफली और हेज़लनट्स, और सूरजमुखी, गेहूं के बीज, कुसुम, मक्का और सोयाबीन जैसे वनस्पति तेल शामिल हैं।
  • दैनिक मांग- 30U

4. विटामिन K (Vitamin K):

  • विटामिन K का वैज्ञानिक नाम- फाइलोक्विनॉन या फ्लेवीनोक्विनॉन (Phylloquinone)

इसे एन्टी हीमोरेगिक (AntiHemorrhagic) विटामिन भी कहते है। विटामिन K रक्त के थक्का बनाने तथा अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

  • विटामिन के वास्तव में यौगिकों का एक समूह है। इन यौगिकों में सबसे महत्वपूर्ण विटामिन K1 और विटामिन K2 प्रतीत होता है।
    • विटामिन K1 पत्तेदार साग और कुछ अन्य सब्जियों से प्राप्त होता है।
    • विटामिन K2 यौगिकों का एक समूह है जो मोटे तौर पर मीट, चीज और अंडे से प्राप्त होता है और बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषित होता है।

कमी से होने वाले रोग-

  • रक्त का थक्का नहीं बनता। 

विटामिन क के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin K)-

  • हरी सब्जियाँ, गाजर, टमाटर, लीवर, गोभी,पालक,धनिया,मूली का उपरी सिरा,सोयाबिन इत्यादि।
  • यह एन्टीबायोटिक्स और सल्फा औषिधियों के लगातार उपयोग से नष्ट हो जाता है। 
  • दैनिक मांग- 0.001mg

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