Vitamins Part 2

विटामिन (Vitamins)- Part-II

Biology: Vitamins


जल में धुलनशील विटामिन– B, C

यदि शरीर का क्षतिग्रस्त भाग repair नहीं हो रहा हो तो उस व्यक्ति को विटामिन B कॉमप्लेक्स दिया जाता है ये कई प्रकार के होते हैं। विटामिन ‘B’ के अब तक 18 घटकों की की खोज की जा चुकी है।  विटामिन ‘B‘ को सम्मिलित रूप से बी-काम्पलेक्स कहा जाता है। विटामिन-B यह प्रोटीन के पाचन हेतु आवश्यक होता है इसिलिए इसे प्रोटीन भी कहते है। यह रक्त में ऐसी शक्ति उत्पन्न करता है कि जिससे संक्रामक रोग नहीं हो पाते है।

  • विटामिन ‘B’ के खोजकर्ता – मैकुलन

1. विटामिन B1 (Vitamin B1):

  • विटामिन B1 का वैज्ञानिक नाम- थाइमिन (Thymine)

इसे एन्टी बेरी बेरी कारक या एन्टी न्यूराइटिक तथा एन्यूराइन भी कहते हैं। बेरी बेरी,पेरीफेरल तंत्रिका तंत्र, आहार नाल और  कार्डियोवेस्कुलम तंत्र को प्रभावित करता है। यह पकाने और बेंकिंग सोडा से नष्ट हो जाता है। 

कमी से होने वाले रोग-

  • बेरी-बेरी ,वरनिक्स एनसिफेलोपेथी अपच तथा कब्ज हो जाती है।

विटामिन B1 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B1)-

  • चावल, गेहूँ, अण्डे और मछली इत्यादि

Note: बेरी-बेरी एक सिंहली शब्द है जिसका अर्थ है अत्यधिक दुर्बलता । – सन् 1897 में ईज्कमान ने बेरी-बेरी रोग का पता लगाया था। बेरी बेरी रोग उन क्षेत्रों में पाया जाता है जहाँ पॉलिशदार चावल प्रमुख खाद्य पदार्थ होता है।

  • दैनिक मांग – 1.4-1.7mg

2. विटामिन B2 (Vitamin B2):

  • विटामिन B2 का वैज्ञानिक नाम- राइबोफलेविन (Riboflavin)

इसे विटामिन G या लेक्टोफलेविन या पिला एन्जाइम भी कहते है। इसकी खोज सन् 1935 में हुई जब इसे दूध से निकाला गया। यह गहरे पिले रंग का होता है।

  • यह FMN एवं FAD निर्माण के लिए आवश्यक है।
  • आंत में पाये जाने वाले सहजीवी जीवाणु द्वारा संश्लेषित होता है।

कमी से होने वाले रोग-

  • कीलोसिस मुँह में घाव होना एवं छाले होना, पाचन अनियमितताये,मानसिक दबाब, पेलेग्रा के समान और बेरी बेरी के समान रोग आदि
  • Cheillosis- किनारों से मुहॅ का फटना।
  • Glossitid- जीभ का चिकना एंव नीलापन होना।

विटामिन B3 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B3)-

  • गाय का दूध, अण्डे,लीवर, यीस्ट इत्यादि।
  • दैनिक मांग- 1.4-1.6mg

3. विटामिन B3 (Vitamin B3):

  • विटामिन B3 का वैज्ञानिक नाम- पेन्टोथेनिक अम्ल 

इसे यीस्ट कारक या फिल्ट्रेट फेक्टर या चिक ऐन्टी डर्मेटाइटिस कारक भी कहा जाता है। इससे को एन्जाइम का निर्माण होता है। जो कि कार्बोहाइडेंट,वसा एवं प्रोटीन निर्माण में सहायक है।

  • यह एसीटाइलकोलीन के निर्माण में सहायक है।
  • थकान, पेशियों में पक्षघात (लकवा) केश-अवर्णता तथा जनन क्षमता में कमी
  • प्राप्ति स्त्रोत-वृक्क, लीवर, यीस्ट, दूध अण्डे, मॉस इत्यादि ।
  • दैनिक मांग- 5-10 mg

4. विटामिन B5 (Vitamin B5):

  • विटामिन B5 का वैज्ञानिक नाम- पैंटोथैनिक एसिड (Pantothenic acid)

इसे एन्टी पेलेग्रा कारक या विटामिन pp भी कहा जाता है नियासिन या निकोटिनिक अम्ल, NAD एंव NADP के आवश्यक घटक का निर्माण करता है।

  • विटामिन B5 कॉलेस्ट्रोल के उत्पादन को रोकता है।
  • लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक होता है
  • तनाव-संबंधी और सेक्स हार्मोन बनाएं रखने में
  • एक स्वस्थ पाचन तंत्र बनाए रखने में 

कमी द्वारा होने वाले रोग-

  • मानव मे पेलेग्रा
  • कुतों में जीभ का काला होना केननाइन बीमारी। 

विटामिन B5 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B5)-

  • ब्रोकोली, गोभी परिवार के सदस्य, सफेद और मीठे आलू, दलिया 
  • दैनिक मांग 18-20mg

Note: पेलेग्रा एक इटेलियन शब्द है जिसका अर्थ है खुरदरी त्वचा । पेलेग्रा रोग को 4D सिनड्रोम भी कहते है । अर्थात रोग लक्षणो के चार समूह द्वारा होता है ये है डर्मेटाइटिस, डायरिया, डिमेंशिया, और डेथ।

5. विटामिन B6 (Vitamin B6):

  • विटामिन B6 का वैज्ञानिक नाम- पायरीडॉक्सिन (Pyridoxine)
  • शरीर को भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा का उपयोग और भंडारण करने में सहायक होता है।
  • इसे एण्टी डर्मेटिस कारक कहते है 
  • टयूबरक्यूलॉसिस के उपचार में उपयोगी है।
  • आंत में पाये जाने वाले सहजीवी जीवाणु द्वारा संश्लेषित होता है।

कमी द्वारा होने वाले रोग-

  • डर्मेटिसिस ,रक्त की कमी,सुबह चलने में कठिनाई,एन्टी बॉडी संश्लेषण में कमी।

विटामिन B6 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B6)-

  • मछली, रोटी, साबुत अनाज- जैसे दलिया, गेहूं के बीज और भूरे चावल, अंडे, सब्जियां, सोयाबीन, मूंगफली, दूध
  • दैनिक मांग-2mg

6. विटामिन B7 (Vitamin B7):

  • विटामिन B7 का वैज्ञानिक नाम- बायोटिन (Biotin)
  • इसे विटामिन H या Anti egg white injury factor भी कहते हैं 
  • यह वसा निर्माण में सहायक होता है।
  • इसे सल्फर युक्त विटामिन भी कहते हैं।

कमी द्वारा होने वाले रोग-

  • त्वचा रोग, बालों का झडना तथा कमजोरी 

विटामिन B7 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B7)-

  • बैक्टीरिया जो आपके आंत में स्वाभाविक रूप से रहते हैं, बायोटिन बनाने में सक्षम हैं, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि आपको आहार से किसी अतिरिक्त बायोटिन की आवश्यकता है या नहीं।

7. विटामिन B9 (Vitamin B9):

  • विटामिन B9 का वैज्ञानिक नाम- फॉलिक अम्ल (Folic acid)
  • इसे फॉलिसिन या विटामिन M भी कहा जाता है यह RBC के निर्माण व DNA के निर्माण में आवश्यक हैं।
  • इससे THF CO-एन्जाइम बनाता है जो कि न्यूक्लिक अम्ल के निर्माण मे उपयोगी है
  • रक्त निर्माण में सहायक है।
  • गर्भ में पल रहे बच्चे के स्नायु तत्र को फोलिक अम्ल विटामिन स्वस्थ रखता है।

7. विटामिन B12 (Vitamin B12):

  • विटामिन B12 का वैज्ञानिक नाम- सायनोकोबेलेमीन (Cyanocobalamin)
  • इसे एनिमिया नाशक कारक या RBC निर्माण कारक भी कहते है।
  • विटामिन–B12, प्रकृति में पाया जाने वाला पहला पदार्थ है जिसमें कोबाल्ट होता है
  • यह आत्रं बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषित किया जाता है।
  • यह भूनने या अधिक ऊष्मा से नष्ट हो जाता है।
  • सल्फर युक्त अमीनो अम्ल के लिए आवश्यक होते है।
  • यह DNA निर्माण और लाल रूधिर कणिकाओं के निर्माण व वृद्धि में सहायक है।

कमी द्वारा होने वाले रोग-

  • विटामिन B12 की कमी से एनीमिया (anemia) हो सकता है।

विटामिन B12 के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin B12)-

  • मांस, मछली, कॉड, दूध, पनीर, अंडे, कुछ दृढ़ नाश्ता अनाज आदि।
  • मछलियों के जिगर के तेल में विटामिन-B12 प्रचुर मात्रा में मिलता है 
  • विटामिन-B12 को निर्मित करने में यीस्ट उपयोगी होता है । 
  • कोलोस्ट्र(खीस) में इसकी अधिकता होती है।
  • ऐसे शाकाहारी लोग जो मांस, मछली, अण्डों आदि के अलावा दूध से बने खाद्य पदार्थो का सेवन बिल्कुल नहीं करते है। उनसे विटामिन-B की कमी होने का खतरा सर्वाधिक रहता है 
  • दैनिक मांग 0.2-1.0*g

8. विटामिन C  (Vitamin C):

  • विटामिन C का वैज्ञानिक नाम- एस्कोर्बिक अम्ल (Ascorbic acid)
  • इसे एन्टी स्कर्वी या एन्टी वॉयरल एन्टी केंसर ,एन्टी रेबीज विटामिन भी कहा जाता है।
  • यह सामान्य हृदय धडकन के लिए विटामिन है। 
  • यह घावों को शीघ्र भरने के लिए सहायक है 
  • हीमोग्लोबिन निर्माण में सहायक है।
  • संयोजी उतक निर्माण में सहायक।
  • यह ऊष्मा और प्रकाश से नष्ट हो जाता है।

कमी द्वारा होने वाले रोग-

  • मसूडों एंव दॉतों से रक्त स्त्रावित होने लगता है।
  • (स्कर्वी रोग) ,नेत्र लैंस अपारदर्शी हो जाता है।
  • cataract रोग 

विटामिन C के प्रमुख स्रोत (Major sources of vitamin C)-

  • ऑवला, टमाटर,संतरा, नीबू,अमरूद,आलू,टमाटर,हरीसब्जियों,गूजबेरी,काली मिर्च,पत्तागोभी इत्यादि। 
  • जब कटे हुए फलों को अधिक समय तक रखा जाता है तो विटामिन नष्ट हो जाता है। 
  • सर्दी होने पर एस्प्रिन या एण्टीबॉयोटिक का प्रयोग करते समय साथ में विटामिन – सी का प्रयोग करते है। जिससे उन दवाओं का असर बढ़ जाता है।
  • एक शराबी व्यक्ति के शरीर में विटामिन –C की कमी हो जाती है।
  • दैनिक मांग 40mg

9. अन्य विटामिन (Other vitamins):

  • सिट्रिन को विटामिन P (ऐरिओडिक्टियोल ) भी कहा जाता है । यह विटामिन C के समान होता है (Latest discovered Vit.) जो रक्त संचार की पारगम्यता को नियंत्रित करता है
  • विटामिन B17- यह नया एन्टीकेंसर विटामिन है, तरबूज से प्राप्त किया गया है। 
  • विटामिन Q- रक्त का थक्का बनाने में सहायक है।
  • विटामिन बी15- इसे पोगेनिक अम्ल भी कहा जाता है, जिसकी कमी से यकृत में अव्यवस्था उत्पन्न हो जाती है। 

 

 

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