शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day)
1 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है, महिलाओं और लड़कियों के प्रति भेदभाव और असमानता को समाप्त करने के लिए दुनिया भर में ये दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र ( United Nations (UN)) जैसे संगठन सक्रिय रूप से विभिन्न गतिविधियों के साथ महिलाओं के अधिकारों, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को देते हैं ताकि हर राष्ट्रीयता, जातीयता, त्वचा के रंग, ऊंचाई, वजन, पेशा, शिक्षा और शिक्षा की परवाह किए बिना पूरी जिंदगी जीने का अधिकार मिल सके।
UNAIDS महिलाओं और लड़कियों को उनकी विविधता में जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं और लड़कियों के लिए समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।
Aim of 2020 Zero Discrimination Day:
शून्य भेदभाव दिवस 2020 का उद्देश्य उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है, जिनमें सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए समानता को सक्षम करने के लिए तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता है। कुछ देशों ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, कई देशों में आय, जातिवाद, विकलांगता, लिंग पहचान और नस्ल सहित कारकों के आधार पर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव अभी भी मौजूद है।
About Zero Discrimination Day:
संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार शून्य भेदभाव दिवस 1 मार्च 2014 को मनाया। UNAIDS, संयुक्त राष्ट् का एक कार्यक्रम है जिसका उदेश्य HIV/AIDS के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम ने दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर अपना शून्य भेदभाव अभियान शुरू किया।
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