Mountbatten Plan

माउंटबेटन योजना (Mountbatten Plan)- 1947 कैबिनेट मिशन योजना के तहत पं. जवाहर लाल नेहरु को अन्तरिम सरकार हेतु आमंत्रित किये जाने के विरोध में मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त 1946 को ‘प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस (Direct action day)’ मनाया; जिससे पूरे देश में भीषण साम्प्रदायिक दंगे हुए। बाद में अन्तरिम सरकारRead More →

cabinet mission 1946

कैबिनेट मिशन योजना- 1946 14 मार्च 1946 को प्रधानमंत्री एटली ने ‘हाउस ऑफ कामन्स (House of Commons)’ में यह घोषणा करी की, भारतीयों को स्वतन्त्र होने का अधिकार है। इसके लिए उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों का एक तीन सदस्यीय समिति का घठन किया जिसमे –स्टेफोर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष ),Read More →

Shimla Conference

वेवेल योजना एवं शिमला समझौता (Wavell Plan and Shimla Conference) क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात कांग्रेस को यह विश्वास हो गया कि ब्रिटिश सरकार से किसी प्रकार की आशा करना व्यर्थ है। अतः 14 जुलाई 1942 को वर्धा में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अंग्रेजों ‘भारत छोड़ो’ काRead More →

The government of India Act- 1919

भारत सरकार अधिनियम ( The government of India Act or Montagu Chelmsford Reforms )- 1919 भारत सरकार अधिनियम, 1909 भारतीयों के स्वशासन की माँग को पूर्ण न कर सका। साम्प्रदायिक आधार पर मतदान प्रणाली की नीति से उत्पन्न असंतोष, 1916 में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के मध्य समझौता, 1916-17 मेंRead More →

Morley- Minto Reforms - 1909

भारतीय परिषद अधिनियम या मॉर्ले- मिंटो सुधार-1909(Indian Council Act or Morley- Minto Reforms-1909) मार्ले-मिन्टो सुधार का लक्ष्य 1892 के अधिनियम के दोषों को दूर करना तथा भारत में बढ़ते हुए उग्रवाद एवं क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद का सामना करना था। इस अधिनियम को तत्कालीन भारत सचिव (मार्ले) तथा वायसराय (मिन्टो) के नाम परRead More →

Indian Councils Act

भारतीय परिषद अधिनियम ( Indian Councils Act )- 1861 भारतीय परिषद अधिनियम 1861 ब्रिटिश संसद द्वारा 1st अगस्त 1861 को पारित किया गया था। इस अधिनियम ने सरकार की शक्ति और कार्यकारी और विधायी उद्देश्यों के लिए गवर्नर जनरल की परिषद की संरचना को बहाल किया। यह पहला उदाहरण थाRead More →

The government of India Act

भारत सरकार अधिनियम-1858 भारत सरकार अधिनियम 1858, ने भारत के संवैधानिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। ईस्ट इंडिया कंपनी के परिसमापन के लिए भारत सरकार के अधिनियम के रूप में जाना जाने वाला अधिनियम और ब्रिटिश क्राउन के लिए सरकार, क्षेत्रों और राजस्व की शक्तियों को हस्तांतरितRead More →

Charter Act

चार्टर एक्ट (Charter Act)- 1793: इस अधिनियम के माध्यम से कम्पनी के अधिकारों को 20 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया और नियंत्रक मण्डल (Board of Control) के सदस्यों को भारतीय राजस्व से वेतन देने की व्यवस्था की गई। ब्रिटिश भारतीय क्षेत्रों में लिखित विधियों द्वारा प्रशासन की नींव रखीRead More →

Pitt’s India Act

पिट्स इंडिया एक्ट पिट्स इंडिया एक्ट कंपनी के क्षेत्रों को “भारत में ब्रिटिश संपत्ति” कहा जाता था, यह स्पष्ट दावा था कि ब्रिटिश क्राउन ने भारत में कंपनी द्वारा अधिग्रहित क्षेत्र पर स्वामित्व का दावा किया था। इस एक्ट के माध्यम से कम्पनी के व्यापारिक एवं राजनैतिक क्रिया-कलापों को अलग-अलगRead More →