Preamble

भारतीय संविधान की प्रस्तावना प्रस्तावना (Preamble) भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के विचारो को जानने की एक कुंजी है। जिसके द्वारा भारत के लिए एक संविधान का निर्माण डॉ. भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में किया गया 26 Nov. 1949 को अंशत: लागू कर दिया गया , इस समय केवल 15 अनुच्छेद ही लागुRead More →

Indian Constitution

सविधान का निर्माण प्रमुख बहुविकल्पी प्रश्न 1. निम्नलिखित में से किस अधिनियम में कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना का प्राविधान किया गया था? (a) रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 (b) पिट का भारत अधिनियम, 1784 (c) चार्टर एक्ट, 1813 (d) चार्टर एक्ट, 1833 [toggle] Answer – A [/toggle] 2. केन्द्र में ‘द्वैधRead More →

The government of India Act- 1919

भारत सरकार अधिनियम ( The government of India Act or Montagu Chelmsford Reforms )- 1919 भारत सरकार अधिनियम, 1909 भारतीयों के स्वशासन की माँग को पूर्ण न कर सका। साम्प्रदायिक आधार पर मतदान प्रणाली की नीति से उत्पन्न असंतोष, 1916 में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के मध्य समझौता, 1916-17 मेंRead More →

Morley- Minto Reforms - 1909

भारतीय परिषद अधिनियम या मॉर्ले- मिंटो सुधार-1909(Indian Council Act or Morley- Minto Reforms-1909) मार्ले-मिन्टो सुधार का लक्ष्य 1892 के अधिनियम के दोषों को दूर करना तथा भारत में बढ़ते हुए उग्रवाद एवं क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद का सामना करना था। इस अधिनियम को तत्कालीन भारत सचिव (मार्ले) तथा वायसराय (मिन्टो) के नाम परRead More →

Indian Councils Act

भारतीय परिषद अधिनियम ( Indian Councils Act )- 1861 भारतीय परिषद अधिनियम 1861 ब्रिटिश संसद द्वारा 1st अगस्त 1861 को पारित किया गया था। इस अधिनियम ने सरकार की शक्ति और कार्यकारी और विधायी उद्देश्यों के लिए गवर्नर जनरल की परिषद की संरचना को बहाल किया। यह पहला उदाहरण थाRead More →

The government of India Act

भारत सरकार अधिनियम-1858 भारत सरकार अधिनियम 1858, ने भारत के संवैधानिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। ईस्ट इंडिया कंपनी के परिसमापन के लिए भारत सरकार के अधिनियम के रूप में जाना जाने वाला अधिनियम और ब्रिटिश क्राउन के लिए सरकार, क्षेत्रों और राजस्व की शक्तियों को हस्तांतरितRead More →

Pitt’s India Act

पिट्स इंडिया एक्ट पिट्स इंडिया एक्ट कंपनी के क्षेत्रों को “भारत में ब्रिटिश संपत्ति” कहा जाता था, यह स्पष्ट दावा था कि ब्रिटिश क्राउन ने भारत में कंपनी द्वारा अधिग्रहित क्षेत्र पर स्वामित्व का दावा किया था। इस एक्ट के माध्यम से कम्पनी के व्यापारिक एवं राजनैतिक क्रिया-कलापों को अलग-अलगRead More →